स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के चार अंतरिक्ष यात्री थे, इन्हीं में से एक भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स। जिन्हें धरती पर उतरने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत आने का न्यौता भी भेज चुके हैं। जाहिर तौर पर भारतीय अपनी बेटी से मिलना चाहेंगे। भारत की बेटी ने इतिहास रचा है। अपने तीन अन्य साथियों समेत 286 दिनों के अंतरिक्ष प्रवास के बाद सुनीता बिलियम्स धरती पर सुरक्षित लौट आई हैं। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा के टलाहासी तट के पास सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया। नासा की सैंड्रा जोन्स ने लैंडिंग से पहले समुद्र के शांत और कांच जैसे चमकदार पानी का "दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला" बताया। स्पेसएक्स की रिकवरी टीम ने तुरंत कैप्सूल को "ड्रैगन नेस्ट" नामक विशेष रिग पर लिफ्ट किया।
स्पेसएक्स क्रू-9: एक मिशन जो योजनाओं से भटक गया
विल्मोर और विलियम्स ने जून, 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर यान से एक छोटी परीक्षण उड़ान के लिए प्रस्थान किया था। हालांकि, योजना के अनुसार सब कुछ नहीं हुआ। यान को प्रणोदन (प्रोपल्शन) में खराबी का सामना करना पड़ा, जिससे उसे वापस लाना असुरक्षित हो गया और नासा को यान को खाली लौटाने का फैसला लेना पड़ा था।
लौटने का साधन न होने पर क्रू मिशन में शामिल
घर लौटने का कोई त्वरित साधन न होने के कारण, दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में शामिल कर लिया गया। यह मिशन सितंबर में आईएसएस पहुंचा, जिसमें सामान्य चार की बजाय केवल दो अंतरिक्ष यात्री थे, ताकि विलियम्स और विल्मोर के लिए जगह बनाई जा सके। इस दौरान उन्हें "फंसे हुए अंतरिक्ष यात्री" कहा जाने लगा, लेकिन नासा ने इस लेबल का विरोध किया। अधिकारियों ने कहा कि आपात स्थिति में उन्हें पहले भी वापस लाया जा सकता था।
नासा अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चुनौतियां
286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहना आईएसएस पर मानक छह महीने की अवधि से काफी अधिक है। हालांकि, यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग नहीं था। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो ने 371 दिनों तक एक ही मिशन में अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड बनाया है, जबकि रूसी कॉस्मोनॉट वालेरी पॉल्याकोव ने मीर स्पेस स्टेशन पर 437 दिन बिताए थे।