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Trump बोले बमबारी होगी, ईरान की भी मिसाइलें तैनात, अब क्या होगा

परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परमाणु समझौते को लेकर दी गई धमकी के बाद ईरान भी जवाब को तैयार है।

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Dhiraj Dhillon
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और  ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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America और Iran में तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परमाणु समझौते को लेकर दी गई धमकी के बाद ईरान भी जवाब को तैयार है। एक साक्षात्कार के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने परमाणु समझौता न करने पर ईरान को बमबारी की धमकी दी। ट्रंप ने कहा था कि ईरान अगर समझौता नहीं करता तो ऐसी बमबारी की जाएगी, जो उसने पहले कभी नहीं देखी होगी।

ईरान की तैयारी भी जान लीजिए

तेहरान टाइम्स के मुताबिक ईरान ने मिसाइलें तैयार कर ली हैं। ये मिसाइलें भूमि के नीचे तैनात की गई है और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। ये मिसाइलें हवाई हमलों का मुंहतोड़ जवाब देंगी। दोनों ओर से धमकी भरे अंदाज से लग रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ सकता है। बताया गया है कि ईरानी सेनाओं द्वारा तैनात की गई मिसाइलें दुनिया भर में अमेरिकी ठिक‌ानों को निशाना बनाने में सक्षम हैं।
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ट्रंप ने व्यापारिक प्रतिबंधों के भी दिए संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सैन्य धमकियों के साथ ही व्यापारिक प्रतिबंध लगाने के भी संकेत दिए हैं। अमेरिका ईरान के साथ उसके व्यापारिक साझेदारों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। ट्रंप ने कहा है कि अगले कुछ सप्ताह में ही इस तरह के फैसले लिए जा सकते हैं। हालांकि वे ईरान के रेस्पांस का इंतजार करेंगे। जैसा ईरान का रेस्पांस होगा, वैसा ही निर्णय लिया जाएगा। ट्रंप ने टैरिफ मामले में कहा है कि आने वाले दिनों में कुछ देशों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बता दें कि उन्होंने नए टैरिफ लागू के लिए 2 अप्रैल की तारीख दी हुई है।

राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की प्रतिक्रिया

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ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump की धमकियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ईरान अमेरिका के साथ सीधे बात नहीं करेगा। ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक मसूद पेजेश्कियान ने ओमान की मध्यस्थता स्वीकार करने की बात कही है। पेजेश्कियान ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि असल समस्या अमेरिका की बेईमानी है। अमेरिका की आदत ने हमें मश्किल में फंसाया है। उन्हें अपने भरोसे पर कायम रहने का विश्वास दिलाना होगा।
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