दिल्ली वाईबीएन नेटवर्क: पिछले एक साल से दुनिया युद्ध की आग में जल रही है। कई मोर्चों पर युद्ध चल रहा है और कुछ देश एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं। ऐसे में भारत की सबसे बड़ी चुनौती सभी देशों अपने रिश्ते बनाए रखना है।
अमेरिका में हाल ही में सत्ता परिवर्तन हुआ है, Trump फिर से सत्ता में आए हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वैश्विक स्तर पर कई नए समीकरण बन सकते है ।
यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप 2.0 के दौर में कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। या यूं कहें कि अगले 4 सालों में दुनियाभर के रिश्तों में रोलर कोस्टर की तरह उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। अब भारत के नजरिए से देखें तो साल 2025 भारत की कूटनीति के लिए कई चुनौतियां पेश करता नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें : 1 January से बदल गए हैं ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर!
इस साल भारत के मुख्य कार्यक्रम
भारत 2025 की शुरुआत में क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में करने वाला है, जिसके बाद भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन भी भारत में हो सकता है, कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन भी जा सकते हैं। वहीं, युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की घोषणा पहले ही हो चुकी है।
पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात
राजनीतिक पंडितों की मानें तो शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ सकते हैं। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय मुलाकात इस साल के अंत में होगी। अगर वे एससीओ शिखर सम्मेलन में मिलते भी हैं, तो यह एक औपचारिक मुलाकात होगी।
यह भी पढ़ें : जेल गए Donald Trump तो कौन होगा अमेरिका का राष्ट्रपति ?
भारत के लिए प्रमुख चुनौतियां क्या हैं?
ट्रंप अपने चुनाव प्रचार में भारत की टैरिफ योजना के बारे में बोल चुके हैं, अगर उनके बयानों का असर उनके फैसलों में दिखता है, तो यह भारत के लिए एक मुश्किल सबक बन सकता है। वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देशों में सत्ता परिवर्तन भारत के लिए बड़ी समस्या है। जैसे बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, श्रीलंका में तख्तापलट, नेपाल में नई सरकार के साथ ही मालदीव की मोइज्जो सरकार का भारत विरोधी नारों के साथ सत्ता में आना। इन देशों का चीन की तरफ झुकाव और भारत के प्रति उनका कम दोस्ताना रवैया भी भारत को परेशान कर सकता है।