US President Donald Trump ने अपने दूसरे कार्यकाल में चुनावी प्रक्रिया में व्यापक बदलाव की शुरुआत की है। मंगलवार को उन्होंने कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिनके तहत अब संघीय Election में मतदान के लिए नागरिकता का दस्तावेजी प्रमाण अनिवार्य होगा। इसके अलावा, डाक से मतदान के नियमों में भी बदलाव किया गया है। नए आदेश के अनुसार, चुनाव के दिन तक प्राप्त सभी मतपत्रों को ही गिना जाएगा। ट्रंप ने कहा कि America अब तक 'आवश्यक चुनाव सुरक्षा लागू करने में विफल' रहा है।
अमेरिका में कड़ी चुनावी सुरक्षा के संकेत
ट्रंप प्रशासन ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे मतदाता सूचियों को संघीय एजेंसियों के साथ साझा करें और चुनाव अपराधों पर मुकदमे में सहयोग करें। आदेश का पालन न करने पर राज्यों की संघीय वित्तीय मदद रोकने की चेतावनी दी गई है।
चुनावी धांधली के आरोपों के बीच ट्रंप का फैसला
ट्रंप लंबे समय से अमेरिकी चुनावों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते रहे हैं। 2020 में जो बाइडन के खिलाफ चुनाव हारने के बाद उन्होंने मतदान प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे। मेल-इन वोटिंग पर भी उन्होंने बिना सबूत के आरोप लगाया था कि यह असुरक्षित है और इससे धांधली बढ़ती है। हालांकि, इस साल रिपब्लिकन समर्थकों के बीच मेल-इन वोटिंग की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ट्रंप ने इस पर अपना रुख नरम किया है।
आने वाले दिनों में कुछ और फैसलों के संकेत
कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा कि चुनाव सुधार को लेकर अगले सप्ताह और बड़े फैसले लिए जाएंगे। हालांकि, उनके इन कदमों का देश के मताधिकार संगठनों द्वारा विरोध किया जा सकता है, क्योंकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में चुनावी धोखाधड़ी के मामले बेहद दुर्लभ और सीमित होते हैं।