नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
america tariff | donald trump on tariff | Donald trump on tariff war | donald trump tariff | donald trump tariffs | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख अब चीन के प्रति अब नरम होता दिखाई दे रहा है। चीन पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि दोनों देश जल्द ही एक व्यापार समझौते पर पहुंच सकते हैं। ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि हम चीन के साथ एक बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं। हम एक समझौते की ओर बढ़ रहे हैं।" माना जा रहा है कि ट्रंप का रुख नरम करने के लिए ईयू में हुई कड़ी मुखालपत भी एक बड़ी वजह है।
व्हाइट हाउस में मेलोनी से मिले ट्रंप
इस दौरान ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अमेरिका को यूरोपीय संघ या किसी अन्य के साथ टैरिफ को लेकर समझौते में बहुत कम कठिनाई होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी तरह की जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। ट्रंप ने यह भी विश्वास जताया कि 90 दिनों की जवाबी टैरिफ रोक समाप्त होने से पहले यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार समझौते पर पहुंचा जा सकता है।
जानिए मेलोनी से क्या बोले ट्रंप
मेलोनी के साथ साझा संवाद में ट्रंप ने कहा, "यकीन है कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा समझौता करेंगे।" वहीं यूरोपीय संघ को लेकर उन्होंने कहा, "व्यापार समझौता निश्चित रूप से होगा, सौ प्रतिशत।" मेलोनी ने भी पश्चिम को फिर से "महान" बनाने की इच्छा जाहिर की और भरोसा जताया कि विभिन्न पक्ष किसी समझौते तक पहुंच सकते हैं। ट्रंप ने मेलोनी के आमंत्रण पर रोम आने पर भी सहमति जताई है, जहां वे यूरोपीय नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अटलांटिक के दोनों किनारों के बीच मौजूद चुनौतियों के बावजूद, अब समय आ गया है कि मिलकर समाधान तलाशा जाए।
चीन का रवैयाः न टैरिफ युद्ध चाहते, न डरते
अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के कदम के जवाब में चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ युद्ध की शुरुआत की थी और चीन ने अपने वैध अधिकारों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता। लिन ने कहा, "चीन टैरिफ युद्ध नहीं चाहता, लेकिन इनसे डरता भी नहीं है। हम बाधाओं को दूर करने और वार्ता के जरिए समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" चीन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह वार्ता का पक्षधर है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अपने हितों की रक्षा के लिए भी तैयार है।