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Trump's auto tariff: एलन मस्क भी नाराज, कनाडा-फ्रांस-जर्मनी ने दी ये धमकी

ट्रंप के ऑटो टैरिफ फैसले से अमेरिकी ऑटो उद्योग नाराज है, इससे उत्पादन लागत बढ़ने और बिक्री घटने का खतरा है। कनाडा, फ्रांस और जर्मनी ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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Dhiraj Dhillon
एलन मस्क - डोनाल्ड ट्रम्प

Photograph: (Google)

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयातित वाहनों और उनके कलपुर्जों पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले का विरोध टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी किया है। Elon Musk ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह टैरिफ उनकी कंपनी को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि टेस्ला भले ही अपनी कारें अमेरिका में बनाती है, लेकिन कई पार्ट्स का आयात करती है। इस फैसले से टेस्ला के शेयरों में 1.3% की गिरावट आई। जनरल मोटर्स और स्टेलेंटिस के शेयर भी गिरे, जबकि फोर्ड के शेयर में मामूली बढ़त दर्ज की गई।

25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान

अमे‌‌रिका ने वाहनों के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया ह‌ै। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह फैसला लागू करने के लिए 2 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। अमेरिका का यह फैसला भारत समेत यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन को भी प्रभावित करेगा। भारत में इसका प्रभाव कल पुर्जे बनाने वाली कंपनियों पर होगा। दरअसल भारत में निर्मित कलपुर्जों से जुड़े निर्यात का 29 प्रतिशत अमेरिकी बाजारों में ही जाता है। भारत ने पिछले वर्ष अमेरिका को 2.2 अरब डॉलर के कलपुर्जे निर्यात किए हैं।
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कनाडा-फ्रांस-जर्मनी ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप के फैसले को अपने देश पर प्रत्यक्ष हमला करार देते हुए कहा, "हम अपने कर्मचारियों, कंपनियों और देश की रक्षा करेंगे।" जर्मनी के वित्त मंत्री रॉबर्ट हेबैक और फ्रांस के वित्त मंत्री एरिक लॉम्बार्ड ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह शुल्क अमेरिका और यूरोपीय संघ, दोनों के उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदेह होगा। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने भी ट्रंप के फैसले की कड़ी आलोचना की है।

बड़े आपूर्तिकर्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी

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अमेरिका ने 2024 में 474 अरब डॉलर के ऑटोमोटिव उत्पाद आयात किए, जिसमें 220 अरब डॉलर की यात्री कारें शामिल थीं। मैक्सिको, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और जर्मनी अमेरिका के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। यूरोप के लिए यह टैरिफ उस समय बड़ा झटका है, जब यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका के साथ उसके संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं।

अमेरिका में बढ़ सकती हैं कारों की कीमतें

अमेरिकी विश्लेषक भी ट्रंप के फैसले की आलोचना कर रहे हैं। पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की वरिष्ठ अर्थशास्त्री मैरी लवली ने कहा, "इससे कारों के विकल्प कम होंगे। नई कारों की औसत कीमत पहले ही करीब 49,000 डॉलर है। नए शुल्क के बाद उपभोक्ताओं को पुरानी कारों पर निर्भर होना पड़ेगा।" विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में कारों का उत्पादन 30% तक घट सकता है।
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भारतीय कलपुर्जा निर्माताओं पर असर

भारत पर ट्रंप के टैरिफ का सीमित असर पड़ेगा, क्योंकि भारत अमेरिका को पूरी तरह से बनी कारें निर्यात नहीं करता। हालांकि, ऑटो पार्ट्स का निर्यात अधिक होने के कारण भारतीय कंपनियों पर असर पड़ेगा। 2024 में भारत ने अमेरिका को 2.2 अरब डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए, जो उसके वैश्विक निर्यात का 29% था। जेएटीओ डायनेमिक्स इंडिया के चेयरमैन रवि भाटिया ने कहा कि यह टैरिफ भारत के प्रतिस्पर्धियों पर भी लागू होगा, जिससे भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को अमेरिका में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने का मौका मिलेगा।

भारत के लिए लाभकारी हो सकता है फैसला

भाटिया ने कहा कि भारत का कम लागत वाला विनिर्माण और भी आकर्षक हो सकता है, क्योंकि अमेरिका में वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी। इससे अमेरिकी बाजार में संभावनाएं तलाश रहे भारतीय निर्माताओं को फायदा हो सकता है।

भारतीय ट्रक निर्यात पर कम असर

2024 में अमेरिका को भारत का ट्रक निर्यात केवल 1.25 करोड़ डॉलर का था, जो भारत के कुल वैश्विक ट्रक निर्यात का सिर्फ 0.89% है। हालांकि, ऑटो पार्ट्स का निर्यात महत्वपूर्ण है, इसलिए भारतीय कंपनियों को इस क्षेत्र में सावधानी से रणनीति बनानी होगी।

ऑटो शेयरों में गिरावट

ट्रंप के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा। ऑटो शेयरों में गिरावट आई:
टाटा मोटर्स: 5.5%
अशोक लेलैंड: 2.77%
महिंद्रा एंड महिंद्रा: 0.35%
मारुति सुजुकी: 0.09%
अपोलो टायर्स: 0.24%
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