सना, आईएएनएस। यमन के ईंधन बंदरगाह, रास ईसा पर
अमेरिकी हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई। वहीं 150 अन्य लोग घायल
हो गए हैं। यह जानकारी हूती संचालित स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को दी। ये हमले गुरुवार रात को हुए, जिनमें बंदरगाह और आयातित ईंधन के भंडारण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई कंक्रीट टैंकों को निशाना बनाया गया।
बंदरगाह के कर्मचारी हैं पीड़ित
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पीड़ित बंदरगाह के कर्मचारी हैं, जिनमें पांच पैरामेडिक्स भी शामिल हैं। रास ईसा बंदरगाह यमन के लाल सागर के पास होदेदाह शहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह हूती ग्रुप के कब्जे वाले क्षेत्रों में ईंधन के आयात का मुख्य स्रोत है। 2014 के अंत में सरकार के खिलाफ गृह युद्ध शुरू करने वाले हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण है।
मार्च के मध्य में वाशिंगटन ने
हूती ठिकानों पर हमले फिर से शुरू किए थे।
14 से अधिक हवाई हमले किए
रिपोर्ट के अनुसार, दो बार में ईंधन बंदरगाह पर 14 से अधिक हवाई हमले किए गए, जिससे आयातित ईंधन को संग्रहीत करने वाले कंक्रीट टैंक नष्ट हो गए और बड़े पैमाने पर आग लग गई। रिपोर्ट में कहा गया कि आग को कुछ ही घंटों में बुझा दिया गया। एक निवासी ने सिन्हुआ से कहा कि पीड़ितों में बंदरगाह के कर्मचारी, ट्रक चालक, अनुबंधित श्रमिक और नागरिक प्रशिक्षु शामिल थे। उन्होंने कहा कि शवों को निकालने और आग बुझाने वाले बचाव दलों को भी बाद के हमलों में निशाना बनाया गया।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने की हमले की पुष्टि
इससे पहले, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (यूएससीईएनटीकॉम) ने एक बयान में पुष्टि की थी कि उसने गुरुवार को रास ईसा पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया, ताकि हूती ग्रुप के ईंधन और आर्थिक शक्ति को नष्ट किया जा सके। जनवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका ने हूती ग्रुप को एक आतंकवादी संगठन के रूप में फिर से नामित किया। हूती विद्रोहियों ने हमलों की निंदा करते हुए इसे 'पूर्ण युद्ध अपराध' बताया। उन्होंने america और यमनी सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि 'बंदरगाह एक सिविल जगह है, न कि सैन्य अड्डा।'
“हमलों का उद्देश्य इजरायल का समर्थन”
शुक्रवार को जारी एक बयान में, हूती ग्रुप ने कहा कि अमेरिकी हमलों का उद्देश्य
फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ अपराधों में
इजरायल का समर्थन करना था। उन्होंने फिलिस्तीनियों के लिए अपना 'समर्थन अभियान' जारी रखने की कसम खाई। इस बीच, ग्रुप ने दावा किया कि उसने 'लाल सागर में इजरायल के सभी नौवहन' को सफलतापूर्वक रोक दिया।