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Donald Trump Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
ईरान को कमजोर करना चाहता है अमेरिका
अमेरिका वित्त विभाग का बयान जानिए
अमेरिकी वित्त विभाग की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधित की गई चार भारतीय कंपनियों में ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बीएसएम मरीन एलएलपी, कॉसमॉस लाइन्स इंक और फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी भी शामिल हैं। इस संबंध में अभी तक भारत की ओर से किसी प्रतिक्रिया की जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि भारत और अमेरिका, दोनों से अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारत को बड़ा सोच समझकर कोई कदम उठाना होगा।
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अमेरिकी विदेश विभाग ने कारण भी बताया
अमेरिका के विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि चार भारतीय कंपनियों पर ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज से जुड़े व्यापारिक संबंधों के चलते प्रतिबंध लगाया जा रहा है। अमेरिका ने कहा है कि उसका उद्देश्य एशिया में ईरानी तेल के खरीदारों को अवैध शिपिंग नेटवर्क को बाधित करना है। इस नेटवर्क के जरिए सैकड़ों मिलियन डॉलर का तेल अवैध शिपिंग के जरिए बेचने का प्रयास किया जा रहा है, अमेरिका ऐसा नहीं होने देगा।
आतंकवाद पर प्रहार के लिए एक्शन लेने की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही ईरान पर दवाब बनाने का अभियान शुरू कर दिया था। अमेरिका का पक्ष है कि ऐसा ईरानी आतंकवाद पर वार करने के लिए ईरान को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। दरअसल ईरान का बड़ा राजस्व कच्चे तेल से ही आता है। अमेरिका का कहना है ईरान की आर्थिक गतिविधियों पर नकेल कसने से आतंकवाद को वित्त पोषण रुकेगा।