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US tariffs effect: अमेजन-वॉलमार्ट ने भारत से आयात रोका, जानें अमेरिका को किस बात का है डर?

अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के कारण अमेज़न, वॉलमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत से आयात रोक दिया है। हालांकि इस बीच अमेरिका को टैरिफ विवाद के चलते भारत और चीन के नजदीक आने का डर भी सताने लगा है।

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Dhiraj Dhillon
Valmart and Amazon
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नई दिल्ली वाईबीएन डेस्क। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। हालांकि इस बीच ऐसे संकेत भी मिले हैं कि अमेरिका को भारत और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों का डर सताने लगा है। अमेजन, वॉलमार्ट और Gap जैसी ग्लोबल दिग्गज कंपनियों ने भारत से उत्पादों का आयात फिलहाल रोक दिया है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय कपड़ा उद्योग पर पड़ा है, जो लंबे समय से अमेरिका को सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्यात करता रहा है। पर्ल ग्लोबल जैसी प्रमुख भारतीय कंपनी, जो Gap, Kohl’s और अन्य वैश्विक ब्रांड्स के लिए वस्त्र बनाती है, का कहना है कि उन्हें आधी रात को अमेरिकी कंपनियों से कॉल और ईमेल आए कि फिलहाल माल की सप्लाई रोकी जाए। पर्ल ग्लोबल के मैनेजिंग डायरेक्टर पल्लब बनर्जी के अनुसार, अमेरिकी कंपनियों ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर भारतीय कंपनियां टैरिफ का अतिरिक्त बोझ नहीं उठाएंगी, तो वे सामान नहीं खरीदेंगी।

भारत- चीन नजदीकियों का भी सता रहा डर

हालांकि इस बीच अमेरिका को भारत और चीन की नजदीकियां बढ़ने का भी डर सताने लगा है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे की घोषणा ने अंतर्राष्ट्रीय सियासत में हलचल पैदा कर दी है। बता दें कि पीएम मोदी 31 अगस्त से शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लेने चीन जा सकते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रिंसीपल डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने भारत को अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बताते हुए दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर उत्पन्न हुए विवाद को कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा- दोनों देशों के बीच स्पष्ट और ईमानदार संवाद जारी है।

अमेरिकी कंपनियों का संदेश: “टैरिफ का बोझ आप उठाएं”

रॉयटर्स से बातचीत में बनर्जी ने बताया कि भारतीय कंपनियों के पास फिलहाल दो विकल्प हैं, या तो कीमतें घटाकर टैरिफ समायोजित करें, या व्यवसाय गंवाएं। कई ग्राहक यह भी कह रहे हैं कि वे केवल उसी स्थिति में डील करेंगे जब भारतीय कंपनियां टैरिफ को खुद वहन करें। यह स्थिति भारतीय निर्यातकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बन गई है।

वैकल्पिक विकल्प: भारत से अन्य देशों में शिफ्ट की तैयारी

पल्लब बनर्जी ने बताया कि कंपनी अब बांग्लादेश, वियतनाम, इंडोनेशिया और ग्वातेमाला जैसे देशों में अपना उत्पादन केंद्र स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है, क्योंकि इन देशों पर टैरिफ केवल 20-30 फीसदी ही है। वहीं भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी तक का टैरिफ लागू कर दिया है, जिसमें 25 फीसदी टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, और अगले 25 फीसदी टैरिफ 28 अगस्त से लागू हो सकता है।

अप्रैल में उम्मीद थी, अब संकट गहराया

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अप्रैल 2025 में जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ की नई नीति लागू की थी, तब भारत को उम्मीद थी कि चीन, बांग्लादेश और वियतनाम की तुलना में कम टैरिफ मिलने से भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन अब नीति पलट चुकी है, भारत पर 50%, चीन पर 30%, और बांग्लादेश-वियतनाम पर सिर्फ 20% टैरिफ लगाया गया है। इस निर्णय को अमेरिका द्वारा भारत के रूस से तेल आयात के जवाब में लिया गया निर्णय माना जा रहा है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में गिरावट की आशंका

भारत का टेक्सटाइल निर्यात कारोबार, जो बड़ी हद तक अमेरिका पर निर्भर है, इस निर्णय से गंभीर संकट में आ गया है। पर्ल ग्लोबल जैसी कंपनियों का लगभग आधा कारोबार अमेरिकी बाजार से आता है। उद्योग जगत को आशंका है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो लाखों नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है। Trump tariff | Amazon India News | US tariff on India | effect of tariffs on india

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