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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर लगाए गए "रेसिप्रोकल टैरिफ" आज 7 अगस्त 2025 से लागू हो गए हैं। इन नए व्यापारिक नियमों का सीधा असर भारत के निर्यात, कारोबारी संबंधों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भारत को लगातार ब्लैकमेल करने कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत इस दवाब में ट्रंप के माफिक कोई स्टैंड नहीं लेने वाला। विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारतीयों के हित से कोई समझौता नहीं होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के लिए रूस से तेल की सीधी या परोक्ष खरीद बताया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की नीतियों के खिलाफ है और इसके लिए भारत को आर्थिक कीमत चुकानी होगी। अब देखना होगा कि भारत सरकार इस आर्थिक और कूटनीतिक दबाव का कैसे जवाब देती है और वैश्विक मंचों पर अपने हितों की रक्षा के लिए क्या रणनीति अपनाती है।
टैरिफ टाइमलाइन: कैसे बढ़ता गया अमेरिकी दबाव
2 अप्रैल 2025: ट्रंप ने पहली बार टैरिफ की घोषणा की
1 सप्ताह बाद: 90 दिनों की मोहलत दी गई
जुलाई अंत तक: डेडलाइन को 1 अगस्त तक बढ़ाया
30 जुलाई: भारत से आयात पर 25% टैरिफ घोषित
6 अगस्त: रूस से तेल खरीद को लेकर अतिरिक्त 25% टैरिफ का ऐलान
7 अगस्त: पहला टैरिफ लागू
27 अगस्त: अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा
1 सप्ताह बाद: 90 दिनों की मोहलत दी गई
जुलाई अंत तक: डेडलाइन को 1 अगस्त तक बढ़ाया
30 जुलाई: भारत से आयात पर 25% टैरिफ घोषित
6 अगस्त: रूस से तेल खरीद को लेकर अतिरिक्त 25% टैरिफ का ऐलान
7 अगस्त: पहला टैरिफ लागू
27 अगस्त: अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा
भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने अमेरिकी फैसले को "अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा- भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से बाजार आधारित है और इसका उद्देश्य 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। कई अन्य देश भी अपने हितों को देखते हुए इसी तरह व्यापार कर रहे हैं, केवल भारत को निशाना बनाना गलत है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस मुद्दे को WTO और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा सकता है।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है असर?
भारतीय कंपनियों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा
निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में नुकसान
उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएं महंगी हो सकती हैं
भारत-अमेरिका कूटनीतिक संबंधों में तनाव
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