/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/19/us-vetoes-un-gaza-ceasefire-resolution-2025-09-19-08-39-20.jpg)
न्यूयॉर्क, वाईबीएन डेस्क। फलस्तीन में जारी इजरायली हमलों के बीच अमेरिका ने बृहस्पतिवार को गाजा में युद्धविराम संबंधी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मसौदे पर वीटो कर दिया। मसौदे में गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई। यह भी मांग की गई कि इजरायल फलस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुंचाने पर सभी प्रतिबंध हटा ले। सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रस्ताव के पक्ष में 14 वोट पड़े
समाचार एजेंसी रायटर की खबर के अनुसार, यह छठी बार था जब अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में इजरायल और फलस्तीनके चरमपंथी हमास के बीच लगभग दो साल से चल रहे युद्ध पर वीटो का इस्तेमाल किया। प्रस्ताव के पक्ष में 14 वोट पड़े। 15 सदस्यीय परिषद के निर्वाचित 10 सदस्यों द्वारा तैयार किए गए इस मसौदे में हमास और अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल, सम्मानजनक और बिना शर्त रिहाई की भी मांग की गई है।
अन्य सदस्यों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया
सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसे फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास के विरुद्ध इजरायल के लगभग दो वर्षों के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा अकाल की आधिकारिक घोषणा के जवाब में अगस्त में प्रस्तुत किया गया था। यह मतदान ऐसे समय में हुआ है जब इजरायली टैंकों और जेट विमानों ने गाजा शहर पर बमबारी जारी है, जो एक बड़े नए जमीनी हमले का लक्ष्य था, जिसके कारण फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर भागने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
यह मांग की गई
एएफपी द्वारा देखे गए प्रस्ताव में गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई थी, जिसका सभी पक्षों द्वारा सम्मान किया जाए और बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की भी मांग की गई थी।संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस दृष्टिकोण को कई बार खारिज किया है, सबसे हाल ही में जून में जब उसने इजरायल का समर्थन करने के लिए अपने वीटो का इस्तेमाल किया था।
बीएलए व मजीद ब्रिगेड हो आतंकी संगठन घोषित
पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और इसकी आत्मघाती विंग (मजीद ब्रिगेड) को आतंकी संगठन के रूप में नामित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह प्रस्ताव परिषद के 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि एंबेसडर आसिम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि आइएसआइएल-के, अलकायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, पूर्व तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, बीएलए और इसकी मजीद ब्रिगेड आदि आतंकी संगठन अफगानिस्तान के शरण स्थलों से संचालित होते हैं, जहां 60 से अधिक आतंकी शिविर सीमा पार से हमले करने के लिए केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। US veto Gaza ceasefire | Gaza War 2025 | gaza | israel gaza conflict | Netanyahu Gaza City
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us