चैंपियन ट्राफी के फाइनल मैच में भारत टॉस हार गया है। न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया है। लेकिन टॉस हारने में भी एक अच्छाई है। चैंपियन ट्रॉफी में टॉस हारने वाली चार टीमें चैंपियन बनी हैं। अब तक खेले गए आठ मुकाबलों में केवल तीन बार ही टॉस जीतने वाली टीम चैंपियन बन सकी है, एक मुकाबला बेनतीजा रहा था। ऐसा 2002 में हुआ था, उस समय भारत और श्रीलंका की टीमें संयुक्त विजेता घोषित हुई थीं।
2006 से लगातार हारने वाले बने चैंपियन
यह भी संयोग है कि 2006 से लगातार टॉस हारने वाली टीम ही चैंपियन बनती आ रही हैं। उससे पहले 1998, 2000 और 2004 में चैंपियन का ताज टॉस जीतने वाली टीमों को मिला था। कुल मिलाकर चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल रिजल्ट की बात करें टॉस हारने वाली टीमों के हिस्से में जीत का स्कोर 57 प्रतिशत रहा और हारने का मात्र 43 प्रतिशत।
यह फैक्ट भी भारत के पक्ष में
चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल मैच के बारे में एक और फैक्ट है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे, तो आईए आपको वह फैक्ट भी बता देते हैं। अब तक हुए आठ मुकाबलों में से केवल दो मुकाबले ही पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम के नाम रहे हैं। छह बार वही टीम चैंपियन बनी है जिसने बाद में बल्लेबाजी की है। आज न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया है और भारत गेंदबाजी कर रहा है।
भारत ने 15वी बार टॉस गंवाया
भारत ने 15वी बार टॉस गंवाया। टीम इंडिया ने प्लेइंग 11 मेंं कोई भी बदलाव नहींं किया है। चोट के कारण मेट हेनरी नहीं खेल रहे हैं। उनकी जगह नॉथन स्मिथ को मौका दिया गया है। भारत ने दुबई में अब तक 10 वनडे मैच खेले हैं। जिसमें में से 9 मैचों में भारत ने जीत दर्ज की। भारत ने टूर्नामेंट में अब तक एक भी मैच नहीं हारा है। वहीं कीवी टीम को इसी मैदान पर भारत के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।