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बिना स्टिकर के बैट से क्‍यों खेलते हैं Riyan Parag? हो गया खुलासा

रियान पराग एक स्‍टार बल्‍लेबाज हैं। लेकिन क्‍या आपने एक बात नोटिस की है कि रियान पराग के बल्‍ले पर कोई स्टिकर क्‍यों नहीं है ? चलिए इसकी वजह जान लेते हैं। 

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Suraj Kumar
आखिर क्‍यों नहीं है रियान पराग के बैट पर स्टिकर
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नई दिल्‍ली,वाईबीएन स्‍पोर्ट्स। रियान पराग (riyan parag) की पहचान एक धाकड़ बल्‍लेबाज के रूप में होती है। वे बड़े- बड़े शॉट खेलने में महारथ हासिल कर चुके हैं। रविवार को उन्‍होंने केकेआर के खिलाफ 95 रनों की पारी खेली। हालांकि वो टीम( rr को जीत नहीं दिला सके। लेकिन क्‍या आपने एक बात नोटिस की है कि रियान पराग के बल्‍ले पर कोई स्टिकर क्‍यों नहीं है ? चलिए इसकी वजह जान लेते हैं। 

इसलिए रियान के बैट पर नहीं है स्टिकर 

रियान पराग के बैट पर कोई स्टिकर इसलिए नहीं है क्योंकि उनके पास कोई स्पॉन्सर नहीं है। बैट के लिए स्पॉन्सर मिलना कई पहलुओं पर निर्भर करता है। उस खिलाड़ी की वैश्विक फैन फॉलोइंग देखी जाती है, वहीं प्लेयर टीम की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में क्या योगदान देता है, साथ ही यह बात भी महत्वपूर्ण होती है कि वह प्लेयर भविष्य में बढ़िया खिलाड़ी बनने का हकदार है या नहीं।  KKR के खिलाफ मैच में खेली गई यह पारी रियान पराग का IPL में सर्वोच्च स्कोर रहा। 

कैसे मिलते हैं स्‍पॉन्‍सर 

किसी बल्लेबाज़ को स्पॉन्सरशिप मिलने की प्रक्रिया उसके प्रदर्शन, लोकप्रियता और ब्रांड वैल्यू पर निर्भर करती है। इसके कई स्‍टेप होते हैं- 

प्रदर्शन और लोकप्रियता

खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय या घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन उसे ब्रांड्स की नजर में लाता है। उदाहरण के लिए, विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों को MRF जैसी कंपनियों ने उनके प्रदर्शन और लोकप्रियता के आधार पर स्पॉन्सर किया है

एजेंट्स और मैनेजमेंट कंपनियाँ

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खिलाड़ियों के पास अक्सर एजेंट्स या मैनेजमेंट कंपनियाँ होती हैं जो उनके लिए ब्रांड डील्स तलाशती हैं। ये कंपनियाँ खिलाड़ी की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने और उपयुक्त स्पॉन्सरशिप डील्स सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।

सोशल मीडिया और डिजिटल उपस्थिति

खिलाड़ी की सोशल मीडिया पर सक्रियता और फॉलोअर्स की संख्या भी स्पॉन्सरशिप के लिए महत्वपूर्ण होती है। ब्रांड्स ऐसे खिलाड़ियों को पसंद करते हैं जिनकी डिजिटल उपस्थिति मजबूत हो, ताकि उनके प्रोडक्‍ट  का प्रचार अधिक प्रभावी ढंग से हो सके

ब्रांड्स का सीधा संपर्क

कभी-कभी ब्रांड्स खुद ही खिलाड़ियों से संपर्क करते हैं, विशेषकर जब खिलाड़ी किसी विशेष प्रदर्शन या उपलब्धि के कारण सुर्खियों में होता है। उदाहरण के लिए, सचिन तेंदुलकर को RBS ने अपने ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया था

स्पॉन्सरशिप के प्रकार

बैट स्पॉन्सरशिप: MRF, CEAT, SG जैसी कंपनियाँ।

किट और जर्सी स्पॉन्सरशिप: Adidas, Nike, Puma आदि।

ब्रांड एंबेसडर डील्स: Boost, Byju’s, JSW Sports आदि।

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