नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा फिलहाल हाट टापिक हैं। उनके घर से जले हुए नोटों का जखीरा मिलने की बात कही गई। इसे लेकर एक वीडियो भी सामने आया था। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इन हाउस कमेटी का गठन किया था जो अपनी रिपोर्ट सबमिट कर चुकी है। अभी तक ये पता नहीं है कि इन हाउस कमेटी की रिपोर्ट में क्या है लेकिन इन सबके बीच जस्टिस यशवंत वर्मा को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल का साथ मिला है। बार बेंच के साथ बातचीत में जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा है कि घटना का जो वीडियो सामने आया वो प्रामाणिक नहीं लग रहा। इसकी व्यापक जांच किए जाने की जरूरत है।
वीडियो की कोई प्रमाणिकता नहीं
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि एक वीडियो सामने आया और उसके बाद सारा बखेड़ा शुरू हो गया। वीडियो प्रामाणिक भी है या नहीं इसे लेकर किसी ने बात नहीं की। उसके बाद जो कुछ हुआ उसमें जस्टिस यशवंत वर्मा को खासा नुकसान हो गया। उनकी एक छवि थी जो चकनाचूर हो गई। सारा देश उनको गलत मान रहा है। लेकिन इस बात की तह में कोई नहीं जा रहा है कि वीडियो सही भी है या नहीं। इसे कब, किसने और कहां बनाया। जस्टिस मृदुल ने एक अहम बात और कही। वो थी कि क्या कोई भी कोर्ट इस वीडियो को सबूत के तौर पर लेगी। उनका कहना था कि वो थोड़े अरसे के लिए जस्टिस वर्मा के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में रहे हैं। उन्हें नहीं लगता कि जस्टिस वर्मा ऐसा कोई काम कर सकते हैं। जब उनके सामने ये मामला आया तो उन्हें हैरत हुई कि ये किस तरह का बखेड़ा है।
वर्मा के घर से मिले थे जले हुए नोट
ध्यान रहे कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से जले नोट मिलने का मामला तब सुर्खियों में आया जिस दौरान सुप्रीम कोर्ट दो ऐसे फैसले दे चुका था जो सरकार को रास नहीं आए थे। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे सरेआम सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर रहे थे। खास बात है कि जिस दौरान जस्टिस वर्मा के घर में आग लगी तब वो बाहर थे। दमकल कर्मी जब आग बुझाने गए तो वीडियो सामने आया। उसके बाद आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट ने इन हाउस कमेटी को जांच का जिम्मा दे दिया और घटना से जुड़े वीडियो को अपनी वेबसाइट पर भी डाल दिया। जस्टिस वर्मा का तबादला सुप्रीम कोर्ट कलेजियम ने तत्काल प्रभाव से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की इन हाउस कमेटी ने अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट सीजेआई को सौंप दी है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल सुर्खियों में रहे हैं
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल पिछले कुछ अरसे से खासे सुर्खियों में रहे हैं। वो मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे और हाल ही में सेवानिवृत हुए हैं। वो पहले वकील थे। 13 मार्च को वो दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज बने और 26 मई 2009 को वो परमानेंट जज बन गए थे। 15 सालों तक वो दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी सेवा देते रहे। 16 अक्टूबर 2023 को उन्हें मणिपुर हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। उनकी ये नियुक्ति कई मायनों में खास रही क्योंकि मणिपुर उनके कार्यकाल के दौरान खासा अशांत रहा। इस दौराम मणिपुर हाईकोर्ट ने कई ऐसे निर्णय भी दिए जो केंद्र सरकार को खासे रास नहीं आए।