इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन
जस्टिस यशवंत वर्मा का विरोध जारी रखेगी। बार एसोसिएशन ने उनके शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि शुक्रवार देर शाम बुलाई गई आपात बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा के मामले में हड़ताल जारी रखने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शनिवार शाम को इस मुद्दे पर बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
कोलेजियम ने की थी तबादले की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की ओर से केंद्र सरकार से जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश के साथ ही इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने मंगलवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया था। इस बीच केंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद तबादले को मंजूरी दे दी थी।
शुक्रवार को जारी हो चुका है नोटिफिकेशन
शुक्रवार को विधि एवं न्यास मंत्रालय के न्याय विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर जस्टिस वर्मा के तबादले की पुष्टि कर दी थी। नोटिफिकेशन में जानकारी दी गई थी कि भारत के राष्ट्रपति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना के साथ विचार - विमर्श के बाद जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्वाइन करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से 14 मार्च को आग लगने के दौरान अधजली नोटों की गड्डियां बरामद होने की खबर सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी ने सरकारी आवास पर पहुंचकर जांच भी की। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने भी घटनास्थल का मुआयना कर साक्ष्य जुटाए हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी।