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Kanpur IIT में करियर कनेक्ट का हुआ समापन, शोध लेखन व पेटेंट फाइलिंग पर चर्चा

आईआईटी कानपुर में करियर कनेक्ट 2025 का आयोजन हुआ, जिसमें शोध लेखन और पेटेंट फाइलिंग पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने नवाचार, पेटेंट फाइलिंग और शोध लेखन की प्रभावी प्रक्रिया के बारे में छात्रों को मार्गदर्शन किया।

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Vibhoo Mishra
Kanpur
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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता। 

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आईआईटी कानपुर में करियर कनेक्ट 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जो अकादमिक विशेषज्ञों और उद्योग जगत के पेशेवरों को एक साथ लाने वाले एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है। यह आयोजन स्टूडेंट्स जिमखाना स्थित अकादमिक और करियर काउंसिल (पीजी) की ओर से कराया गया। इस आयोजन के एक हिस्से के रूप में, शोध प्रकाशन और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विशेषज्ञों के नेतृत्व में सेमिनार आयोजित किए गए, जिसमें प्रतिभागियों को अकादमिक उत्कृष्टता और पेशेवर विकास के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया गया।

पहले सत्र में इन पहलुओं पर हुई चर्चा 

पहला सत्र आईआईटी कानपुर में अनुसंधान स्थापना अधिकारी (आईपी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण) रवि पांडे के नेतृत्व में टर्निंग रिसर्च इनटू राइट्स अ स्कॉलर्स गाइड टू पेटेंट फिलिंग पर था। इस सत्र में पेटेंट फाइलिंग, नवाचार संरक्षण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रमुख पहलुओं को शामिल किया गया। 

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नवाचार और उद्योग सहयोग के प्रति मजबूत हुई प्रतिबद्धता 

विषयों में नवाचार की पहचान, पेटेंट दाखिल करने में चुनौतियां, घरेलू और विदेशी पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया, व्यावसायीकरण रणनीतियां और शिक्षा जगत में आईपीआर की भूमिका शामिल थी। इस सत्र में आईआईटी कानपुर द्वारा 1,250 आईपीआर दाखिल करने की उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे शोध-संचालित नवाचार और उद्योग सहयोग के प्रति इसकी प्रतिबद्धता मजबूत हुई।

दूसरे सत्र में अच्छे शोध लेखन पर चर्चा 

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आईआईटी कानपुर के मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के यदुपति सिंघानिया मेमोरियल चेयर प्रोफेसर कांतेश बलानी ने विज्ञान लेखन का विज्ञान: एक अच्छा शोध लेख कैसे तैयार करें शीर्षक से दूसरे सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने जर्नल चयन, पांडुलिपि संरचना, प्रभावी डेटा प्रस्तुति और सहकर्मी समीक्षा इनपुट को संभालने पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च-प्रभावी शोध लेख लिखने के बारे में बात की।

शोधपत्रों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर

उन्होंने शोध पत्रों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर जोर दिया और स्कॉलरों के प्रकाशनों में स्पष्टता और सुसंगतता के महत्व पर जोर दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि शोध न केवल प्रभावशाली हो बल्कि व्यापक दर्शकों के लिए सुलभ भी हो। इस सत्र में शोध पत्रों की संरचना, पत्रिकाओं का चयन, परिणामों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने और सहकर्मी समीक्षा टिप्पणियों का संज्ञान लेने पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया, जिससे स्कॉलरों को उच्च प्रभाव वाले प्रकाशनों के लिए आवश्यक कौशल से लैस किया जा सके। प्रतिभागियों ने इंटरैक्टिव चर्चाओं में भाग लिया और अपने वैज्ञानिक योगदान और अकादमिक लेखन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञ युक्तियां प्राप्त कीं।

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