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Cyber Fraud: ऑनलाइन शॉपिंग के बहाने छात्रा से 98 हजार की ठगी

कानपुर में साइबर ठगों ने सोशल मीडिया शॉपिंग के जरिए नर्सिंग छात्रा से 98 हजार रुपये की ठगी कर ली। QR कोड स्कैन कराने के बहाने ठग ने कई बार ट्रांजेक्शन किया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

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Vibhoo Mishra
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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।

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ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर अपराधी लगातार अपने तरीके बदल रहे हैं। पहले ठग बैंक खाताधारकों और युवाओं को निशाना बनाते थे, लेकिन अब उनकी नज़र किशोरों और सोशल मीडिया पर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले नवयुवकों पर है। ठग खासतौर पर उन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध ऑफर्स और डिस्काउंट के झांसे में आकर खरीदारी करते हैं। कानपुर में हाल ही में हुई एक घटना में एक किशोरी से 98 हजार रुपये की ठगी की गई, जो इस बढ़ते खतरे की ओर इशारा करती है।

250 रुपये की कुर्ती, ठग लिए 98 हजार

कल्याणपुर के मिर्जापुर खड़ंजा मोहल्ले में रहने वाली 19 वर्षीय नर्सिंग छात्रा प्रीति कमल साइबर ठगी का शिकार हुई। 7 फरवरी को उसने इंस्टाग्राम पर ‘Murtifraction’ नामक एक अकाउंट से 250 रुपये की कुर्ती ऑर्डर की। इसके अलावा उसने 490 रुपये का एक अन्य उत्पाद भी मंगवाया। सोशल मीडिया पर ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए उसे कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प मिला, जिससे वह निश्चिंत हो गई।

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ऑर्डर के कुछ दिन बाद, 12 फरवरी को प्रीति के पास एक कॉल आया। कॉलर ने खुद को डिलीवरी ब्वाय बताते हुए उसके घर का पता पूछा। प्रीति ने जानकारी दे दी और कुछ ही देर बाद डिलीवरी ब्वाय दो पैकेट लेकर उसके घर पहुंचा।

QR कोड स्कैन के बहाने उड़ाए पैसे

डिलीवरी ब्वाय ने प्रीति से कहा कि उसे 740 रुपये का भुगतान करना होगा। चूंकि प्रीति ने पहले से ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प नहीं चुना था, उसने कैश ऑन डिलीवरी के तहत ऑनलाइन भुगतान करने की कोशिश की। लेकिन उसकी ट्रांजेक्शन बार-बार फेल हो गई। इसके बाद डिलीवरी ब्वाय ने एक चाल चली। उसने कहा कि वह खुद QR कोड स्कैन करके ट्रांजेक्शन पूरा कर देगा। प्रीति ने भरोसा किया और अपना मोबाइल उसे दे दिया। ठग ने QR कोड स्कैन करने के बहाने उसके फोन से कई बार ट्रांजेक्शन किए।

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कुछ ही मिनटों में प्रीति के बैंक खाते से 50,000, 25,000 और 20,000 रुपये निकलने के मैसेज आने लगे। कुल मिलाकर 98,000 रुपये उसके खाते से गायब हो गए। जब तक प्रीति को ठगी का एहसास हुआ, ठग वहां से निकल चुका था।

फोन बंद कर फरार हुआ ठग

जैसे ही प्रीति को बैंक से पैसे निकलने का मैसेज मिला, उसने तुरंत डिलीवरी ब्वाय के नंबर पर कॉल किया और अपने पैसे वापस करने की मांग की। शुरुआत में ठग ने उसे पैसे वापस करने का झूठा भरोसा दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया और फरार हो गया। प्रीति ने तुरंत अपने परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने साइबर ठगी की शिकायत कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई।

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पुलिस जांच में जुटी

कल्याणपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि छात्रा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। ठग द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबर की जांच की जा रही है, लेकिन फिलहाल वह बंद पाया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ठगों ने जो इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया था, वह कहीं पहले भी ठगी में इस्तेमाल किया गया है या नहीं।

सतर्क रहने की अपील

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन शॉपिंग करते समय सावधानी बरतें। किसी भी अनजान QR कोड को स्कैन न करें और डिलीवरी ब्वाय को अपना फोन सौंपने से बचें। इसके अलावा, कैश ऑन डिलीवरी भुगतान करने से पहले ट्रांजेक्शन को खुद ही पूरा करें और किसी भी संदिग्ध व्यवहार को तुरंत पुलिस में रिपोर्ट करें।

कैसे बचें साइबर ठगी से?

  • किसी भी अज्ञात लिंक, QR कोड या पेमेंट रिक्वेस्ट को स्कैन करने से बचें।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी अनजान विक्रेता से शॉपिंग करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
  • पेमेंट के समय कभी भी किसी को अपना फोन न दें।
  • यदि किसी भी तरह की साइबर ठगी का संदेह हो, तो तुरंत साइबर सेल या पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

 

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