/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/25/9FQRZXvuuWD9Phr46kJg.jpg)
उत्तर जिले के जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित। Photograph: (young Bharat)
भाजपा के आठ साल पूरे करने पर सरकार की उपलब्धियों को जल्द से जल्द आम लोगों के बीच पहुंचाया जा सके, इसके लिये भाजपा उत्तरी जिले के अध्यक्ष को न अपनी टूटी हड्डी की चिंता रही और ना अस्पताल में भर्ती मरीर व उनके तीमारदारों की सेहत की। भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिस अस्पताल में भर्ती हैं वहीं के हाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक कर डाली। बैठक में उत्साह के साथ कार्यकर्ता पहुंचे। एक-एक नेता के साथ समर्थक भी पहुंचे लेकिन भाजपा नेता का मामला होने के कारण हुजूम में पहुंच रहे भाजपाइयों को रोकने की हिम्मत न अस्पताल के डाक्टरों की हुई न सुरक्षाकर्मियों की।
कूल्हे में चोट लगने से घायल हुए हैं नेता जी
बीजेपी उत्तर जिले के जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित पद संभालने के कुछ दिन बाद ही अपने घर में जीने से गिरकर घायल हो गए थे। उनके कूल्हे के पास ही हड्डी में फैक्चर हुआ, जिसके चलते उनका आपरेशन हुआ और वह आर्यनगर स्थित वेदांता अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। डाक्टर ने उन्हें संक्रमण से बचने की सलाह दी है। इसी के चलते उन्हें अस्पताल के ऊपरी खंड में ऐसे स्थान पर रखा गया है, जहां ज्यादा लोग नहीं पहुंच सकते हैं।
सरकार की उपलब्धि बताने में भूले सभी की दिक्कत
जिलाध्यक्ष अस्पताल में भर्ती हैं इस बीच प्रदेश सरकार के आठ साल पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियां आम लोगों को बताने के लिये प्रदेश हाई कमान की तरफ से कार्यक्रम आ गया। पार्टी के आदेश का पालन कर पार्टी हाईकमान को पार्टी के प्रति अपना समर्पण दिखाने के लिये जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने अपनी सेहत की चिंता की ना ही उन्हें अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की सेहत तथा इनके तीमारदारों की चिंता रही। उन्होंने अस्पताल परिसर में पार्टी कार्यसमिति की पहली बैठक बुला ली। इस दौरान उत्तर जिले के महामंत्री, उपाध्यक्ष समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। जिला अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद घर में गिरकर घायल हो गए थे, जिसके चलते नए जिला अध्यक्ष नियुक्ति के बाद कोई बैठक नहीं कर सके थे।
अस्पताल के निचले हिस्से में भर्ती हैं कई मरीज
वेदांता अस्पताल के जिस हिस्से में भाजपा की जिला कार्यकार्यकारिणी की बैठक की गई, उसके अधिकांश हिस्से में भले ही मरीज न भर्ती हों लेकिन अस्पताल के निचले हिस्से में कई मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है और उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।
जूम मीटिंग भी हो सकती थी
अस्पताल में भाजपा की बैठक करने के बजाए जिलाध्यक्ष जूम मीटिंग लेकर भी कार्यकारिणी बैठक कर सकते थे और गूगल के माध्यम से भी बैठक कर सकते थे। यह भी हो सकता था कि जिलाध्यक्ष पार्टी के महामंत्री तथा उपाध्यक्षों को बुलाकर अस्पताल के अपने कमरे में चर्चा कर हाईकमान से आए निर्देशों के आधार पर पूरे जिले में कार्यक्रम आयोजित करा लेते। यह भी हो सकता था कि वीडियो संदेश के माध्यम से जिलाध्यक्ष बैठक में शामिल होकर अपने निर्देश दे सकते देते कि किसे क्या करना है औऱ किसकी क्या जिम्मेदारी रहेगी।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/25/lMhXpz3oh6hWT0cgxSMx.jpg)
दस मिनट हुई थी बैठक
भाजपा उत्तरी जिले के अध्यक्ष अनिल दीक्षित का कहना है कि योगी सरकार के 8 वर्ष पूरे होने पर रचनात्मक कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने के लिए अस्पताल में बैठक की गई । इसके साथ पार्टी के अन्य अभियानो को विधिवत रूप से कैसे चलाएं, इस पर बैठक की गई है। उन्होंने कहा- अस्पताल में बैठक करने से कार्यकर्ताओ में उत्साह देखने को मिला है। अगर चोट न लगती तो कार्यकर्ताओ का प्रेम न दिख पाता। बीजेपी में काम करने के लिए यह सब छोटी चीजें हैं। बीजेपी का कार्यकर्ता तन मन धन से काम करता है। अस्पताल में बैठक बस 10 मिनट की हुई है, आगे सभी बैठकें कार्यालय में होंगी।