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ईद की नमाज: सड़क पर इजाजत देने की मांग, प्रशासन की बढ़ी उलझन

ईद की नमाज को लेकर ऑल इंडिया कौमी मशवरत कमेटी के अध्यक्ष ने सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी है, उनका कहना है कि ईदगाह में जगह कम होने के कारण सड़क पर नमाज अदा करना मजबूरी है। प्रशासन ने पिछले दो सालों से सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी है।

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Vibhoo Mishra
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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।

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कानपुर में ईद की नमाज को लेकर ऑल इंडिया कौमी मशवरत कमेटी के अध्यक्ष ने एक बड़ा देकर प्रशासन की उलझन बढ़ा दी है। उनका कहना है कि कानपुर में ईदगाह के सामने वाली सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी जानी चाहिए, क्योंकि ईदगाह में जगह कम है। एक बार में हजारों लोग नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। इसी कारण पिछले साल भी यहां दो बार नमाज अदा करानी पड़ी थी। इस बार सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए। आधे घंटे में कोई आफत नहीं टूट पड़ेगी। वैसे भी इस सड़क के लिए जमीन ईदगाह ने ही दी थी। यह हमारी जमीन पर ही बनी है। 

सड़क पर ईद की नमाज मजबूरी 

गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ईद की नमाज केवल ईदगाह में ही हो सकती है, मस्जिदों में नहीं। यह भी सही है कि नमाज सड़कों पर नहीं पढ़ी जानी चाहिए, लेकिन मजबूरी में ऐसा किया जा सकता है। 

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दो साल से नहीं मिली इजाजत

उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से कानपुर में ईदगाह के बाहर सड़क पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई। इससे ईदगाह कमेटी को दो बार नमाज अदा करानी पड़ी थी। इस बार सरकार और प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। 

ईदगाह ने दी थी सड़क के लिए जमीन 

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अध्यक्ष ने कहा कि ईदगाह के सामने की सड़क, जो बेनाझावर तक आने-जाने के लिए बनाई गई है, वह जमीन भी ईदगाह की ही दी हुई थी। उनके अनुसार, यह रिवायत सालों से चली आ रही है। नमाज के वक्त आधे घंटे के लिए सड़क बंद होने से कोई बड़ी समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

सालों से चली आ रही थी परंपरा 

उन्होंने कहा कि यह परंपरा कानपुर में कई वर्षों से चली आ रही थी, जिसे पिछले दो साल से रोक दिया गया। सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ईद की नमाज सही तरीके से अदा की जा सके और नमाजियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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