करीब दो माह से लंबित भाजपा के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा आज कर दी गई। कानपुर नगर के तीन जिलाध्यक्षों में से दो को बदलकर हाई कमान ने संकेत दिया कि अनुशासन व ईमानदारी पार्टी की पहली पसंद है। उत्तर जिले के जिलाध्यक्ष दीपू पांडे को जूता कांड व सीसामऊ उपचुनाव में भाजपा उम्मीद्वार की हार भारी पड़ गई तो ग्रामीण के जिलाध्यक्ष दिनेश कुशवाहा को जिलाप्रभारी से अनबन व लोगों को पदाधिकारी बनाने का लालच देना ले डूबा। केवल एक दक्षिण के जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह फिर अध्यक्ष बनाए गए उन्हें कार्यकर्ताओं व नेताओं से सीधा संवाद करना लाभकारी साबित हुआ।
कानपुर नगर में बनते हैं तीन जिलाध्यक्ष
कानपुर नगर में काफी बड़ा क्षेत्र शामिल होने के चलते यहां भाजपा के तीन जिलाध्यक्ष बनाए जाते हैं। पिछले कार्यकाल में यहां उत्तरी जिले से जमीनी नेता रहे दीपू पांडे को अध्यक्ष बनाया गया औऱ दक्षिण जिले का अध्यक्ष भाजपा में शुरू से ही सक्रिय रहे शिवराम सिहं को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कानपुर ग्रामीण का अध्यक्ष दिनेश कुशवाहा को बनाया गया था। इस बार जिलाध्यक्ष का नामांकन शुरू होने के बाद से ही चर्चा शुरू हो गई थी कि भाजपा पीडीए के फार्मूले को अपनाकर कम से कम दो जिलाध्यक्ष बदल सकती है। कानपुर की सीट ब्राहमण बहुल होने के चलते यहां पीडीए फार्मूला तो नहीं चला लेकिन दो जिलाध्यक्ष भाजपा ने बदल दिये।
सीसामऊ विधानसभा चुनाव हार गई थी भाजपा
भाजपा की राजनीति से जुड़े जानकार लोगों की मानी जाए तो कानपुर उत्तर की सीसामऊ सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सुरेश अवस्थी के हारने के बाद से माना जा रहा था कि भाजपा के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी सीसामऊ सीट के उपचुनाव में हारना दीपू को भारी पड़ सकता है, क्योंकि इस सीट पर कई साल से विधायक इरफान सोलंकी के परिवार के कब्जा था और इस बार यह सीट जीतने के लिये प्रदेश सरकार ने भी पूरी ताकत लगा दी थी। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना स्वयं यहां डेरा डाले रहे थे।
एक कार्यकर्ता ने संगठन को थमा दिया था जूते का गुलदस्ता
इस सीट पर हार के साथ ही दीपू पांडे के बदलने का बड़ा कारण वह घटना भी रही, जिसमें एक कार्कर्ता ने संगठन के बड़े नेता को गुलद्स्ते में जूता भेंट कर अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी थी। भाजपा ने दीपू पांडे के हटाकर यहां से उनकी तरह ही जमीन की राजनीति में सक्रिय रहे एसडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष छात्र राजनीति से जुड़े अनिल दीक्षित को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।
जानिए क्यों कटा दिनेश कुशवाह का पत्ता
कानपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष दिनेश कुशवाहा को जिलाध्यक्ष के पद से हटाने का बड़ा कारण यहां से प्रभारी पूर्व जिलाध्यक्ष राधेश्याम पांडे से अनबन रही। अधिकांश समय संगठन की पकड़ बढ़ाने के लिये राधेश्याम ने जो सुझाव दिये उसे दिनेश कुशवाहा द्वारा उन्हें नजरअंदाज किया गया। इस बीच प्रभारी के साथ ही भाजपा हाई कमान को कई लोगों द्वारा यह शिकायत की गई कि जिलाध्यक्ष दिनेश कुशवाहा पदाधिकारी बनाने का लालच देकर कई कार्यकर्ताओं से सेवाएं ले रहे हैं। इन दोनों कारणों के चलते माना जा रहा था कि इस बार कुशवाहा को हटाकर नया जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है और यही हुआ भी।
कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ आई शिवराम के काम
भाजपा ने घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से उप चुनाव में जीते ऊपेंद्र पासवान को पार्टी का नया जिलाध्यक्ष बनाया जो युवा होने के साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच गहरी पक़ड़ रखने के कारण संगठन के लोगों के बीच प्रिय रहे हैं। भाजपा ने दक्षिण क्षेत्र में जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह को सौंपी जो अपने कार्यकाल के दौरान आम कार्यकर्ताओं के बीच गहरी पैठ बनाने और इनसे सीधा संबाद करने और बड़े नेताओं के हर निर्देश का पालन करने के कारण सभी के पसंद बने थे।