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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।
होली की रंगत खत्म होने से पहले भाजपा के अंदर राजनीति का रंग चटख हो चुका है। लंबे इंतजार और तमाम उठा-पटक के बाद जिलाध्यक्षों के नाम को हाईकमान ने तय कर लिया है। पक्षपात के आरोप और हंगामे की आशंका के कारण 110 कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में दोपहर बाद नए जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया जाएगा। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक, कानपुर में उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण जिलाध्यक्षों में दो चेहरों को रिपीट किया जाएगा, जबकि एक नया चेहरा सामने आएगा।
विवाद से बचने के लिए पार्टी ने लगाई जुगत
विवाद के बचने के लिए पार्टी ने क्षेत्रीय-स्थानीय चेहरे के बजाय पूर्व संगठन मंत्री जयप्रकाश चतुर्वेदी को नए जिलाध्यक्षों के नाम सार्वजनिक करने के लिए कानपुर भेजा है। दावा है कि, फिलवहाल चतुर्वेदी को भी नए जिलाध्यक्षों के नाम नहीं मालूम हैं। दोपहर में क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक के दरमियान उनके वाट्सएप पर आलाकमान नव-निर्वाचित अध्यक्षों के नाम भेजेगा, जिसे वह सार्वजनिक करेंगे। आईए, पढ़ते हैं कि कानपुर में किस नेता का सिंहासन बचा है और जिलाध्यक्ष की कुर्सी से रुखसत हुआ है।
दोपहर बाद होगा नए जिलाध्यक्षों का ऐलान
तय व्यवस्था के अनुसार, कानपुर उत्तर क्षेत्र चुनाव अधिकारी पूर्व सांसद संगमलाल गुप्ता, दक्षिण क्षेत्र चुनाव अधिकारी पूर्व राज्यसभा सांसद कांता कर्दम, ग्रामीण क्षेत्र चुनाव अधिकारी पूर्व मंत्री जयप्रकाश निषाद की मौजूदगी में नए जिलाध्यक्षों का नाम सार्वजनिक किया जाएगा। बैठक में उपस्थित रहने के लिए सांसद, महापौर, विधायक के साथ-साथ कानपुर से जुड़े प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व-वर्तमान जिलाध्यक्षों से आग्रह किया गया है।
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दक्षिण और उत्तर में नहीं होगा बदलाव!
सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण क्षेत्र के लिए चेहरों को चुनाव कर लिया है। कयास है कि दक्षिण और उत्तर में कोई बदलाव नहीं होगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में दिनेश कुशवाहा के स्थान पर किसी अन्य पिछड़ी जाति के नेता का चयन तय है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा के अनुसार, दक्षिण अध्यक्ष शिवराम सिंह और उत्तर अध्यक्ष दीपू पाण्डेय की सक्रियता के कारण बदलाव की संभावना बेहद कम है। अलबत्ता दीपू पाण्डेय की राह में सीसामऊ की हार का रोड़ा है, जबकि शिवराम सिंह के आगे अपराधी और सजायाफ्ता के जन्मदिन में तलवार से केक काटने का मुद्दा उछल रहा है। बावजूद, दोनों सवर्ण चेहरों के सामने फिलहाल आलाकमान को कोई मजबूत चेहरा नजर नहीं आया है। दक्षिण में पूर्व जिलाध्यक्ष बीना आर्या ने जरूर पिछड़े चेहरे के रूप में दावेदारी को आगे बढ़ाया था।
जूते के गुलदस्ते से सहमे हैं चुनाव अधिकारी
गौरतलब है कि, दो महीने पहले उत्तर क्षेत्र में नामांकन के दरमियान, पूर्व मंडल अध्यक्ष ने चुनाव प्रभारी संगमलाल गुप्ता को जूतों का गुलदस्ता देकर हंगामा किया था। आरोप था कि, चंद चेहरों के इशारे पर चुनाव में पक्षपात किया गया है। ऐसे में आशंका है कि, दोपहर बाद जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान होते ही हंगामा होगा। निराश दावेदारों के साथ उनके समर्थकों के उपद्रव को देखते हुए बैठक की फोटोग्राफी कराने का निर्णय किया गया है। ऐसे में हंगामा करने वालों को चिह्नित करना आसान होगा। चर्चा है कि, कानपुर में वैश्य बिरादरी के बड़े चेहरे के इशारे पर कुछ मंडल अध्यक्ष हंगामा करने की तैयारी में हैं। पार्टी ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिलाध्यक्ष के समस्त दावेदारों को भी बैठक में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने को कहा है।
वाट्सएप मैसेज से खिलेंगे-मुरझाएंगे चेहरे
भाजपा आलाकमान ने जिलाध्यक्षों के निर्वाचन में किसी स्थानीय-क्षेत्रीय नेता की भूमिका को नगण्य साबित करने के लिए तय किया है कि, क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक शुरू होने के तुरंत बाद पूर्व संगठन मंत्री सर्वप्रथम अनुशासन और पारदर्शिता का पाठ पढाएंगे। इसी दरमियान उनके वाट्सएप पर तीनों जिलाध्यक्षों के नाम की सूची को पीडीएफ फाइल के रूप में आलाकमान भेजेगा, जिसे वह सभी के सामने सार्वजनिक करेंगे। प्रत्येक नामों के ऐलान के समय उस क्षेत्र के 110 कार्यकर्ता भी बतौर साक्षी मौजूद रहेंगे। खबर है कि, जिलाध्यक्षी के प्रबल दावेदारों ने जश्न के साथ-साथ विरोध की तैयारियों को मुकम्मल कर लिया है। कुर्सी मिली तो जश्न मनाया जाएगा, अन्यथा कुर्सी के हकदार बने चेहरे के खिलाफ जहर उगला जाएगा। एक दावेदार ने बताया कि, अन्य सभी दावेदारों के पिछले दस साल के कारनामों की सूची तैयार है।