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खीरे की कांजी एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जो विशेष रूप से गर्मी में लोकप्रिय है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। कांजी एक किण्वित (fermented) पेय है, जो खीरे, गाजर, चुकंदर या अन्य सब्जियों से बनाया जाता है। किण्वन प्रक्रिया इसे प्रोबायोटिक गुणों से समृद्ध बनाती है, जो पाचन, त्वचा और समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
खीरे की कांजी को अपने आहार में शामिल करें
इस गर्मी में खीरे की कांजी को अपने आहार में शामिल करें और इसके ताज़गी भरे स्वाद और स्वास्थ्य लाभों का आनंद लें। खीरे की कांजी एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और ताज़ा पेय है, जो गर्मियों में शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। इसे बनाना आसान है और इसे घर पर कम सामग्री के साथ तैयार किया जा सकता है।
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खीरे की कांजी क्या है?
कांजी एक प्रोबायोटिक पेय है, जो सब्जियों को पानी, नमक और मसालों के साथ किण्वन प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है। खीरे की कांजी में खीरे का उपयोग प्रमुख रूप से होता है, जो इसे हल्का, ताज़ा और पाचन के लिए उत्तम बनाता है। यह पेय उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बहुत लोकप्रिय है। गर्मियों में यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और निर्जलीकरण (Dehydration) से बचाता है।
खीरे की कांजी बनाने की सामग्री
खीरे की कांजी बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
खीरा: 4-5 मध्यम आकार के (ताज़ा और कुरकुरे)
पानी: 2 लीटर (उबला और ठंडा किया हुआ)
काला नमक: 1 बड़ा चम्मच
सादा नमक: 1 बड़ा चम्मच
राई पाउडर: 2 बड़े चम्मच (पीली सरसों के दाने पीसकर)
लाल मिर्च पाउडर: 1 छोटा चम्मच (स्वादानुसार)
हींग: 1/4 छोटा चम्मच
काली मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच (वैकल्पिक)
हल्दी पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच (वैकल्पिक, रंग के लिए)
कांच का जार: 2-3 लीटर क्षमता वाला (साफ और सूखा)
खीरे की कांजी बनाने की विधि
खीरे की कांजी बनाने की प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन इसमें समय और धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि किण्वन प्रक्रिया में 2-3 दिन लगते हैं। नीचे चरण-दर-चरण विधि दी गई है:
चरण 1: खीरे की तैयारी
खीरे को अच्छी तरह धो लें और दोनों सिरों को काट लें।
खीरे को लंबाई में चार हिस्सों में काटें। यदि खीरे बड़े हैं, तो उन्हें छोटे टुकड़ों में भी काट सकते हैं।
खीरे के टुकड़ों को एक साफ और सूखे कपड़े से पोंछकर सुनिश्चित करें कि उनमें कोई नमी न बचे।
चरण 2: मसाले तैयार करें
एक छोटी कटोरी में राई पाउडर, काला नमक, सादा नमक, लाल मिर्च पाउडर, हींग, काली मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर को मिला लें।
यदि आपके पास राई का पाउडर नहीं है, तो पीली सरसों के दानों को हल्का भूनकर मिक्सर में पीस लें।
चरण 3: कांजी का मिश्रण तैयार करें
एक बड़े कांच के जार में 2 लीटर ठंडा उबला पानी डालें।
तैयार मसाला मिश्रण को पानी में डालें और अच्छी तरह मिलाएं, ताकि मसाले पूरी तरह घुल जाएं।
अब कटे हुए खीरे के टुकड़ों को इस पानी में डालें। सुनिश्चित करें कि खीरे पूरी तरह पानी में डूबे हों।
चरण 4: किण्वन प्रक्रिया
जार को एक साफ सूती कपड़े से ढक दें और रबर बैंड या धागे से बांध दें। यह हवा को अंदर जाने देगा, लेकिन धूल और कीटों को रोकेगा।
जार को धूप में 2-3 दिनों के लिए रखें। गर्मियों में किण्वन प्रक्रिया तेजी से होती है, इसलिए रोज़ाना कांजी की जांच करें।
हर दिन एक साफ चम्मच से कांजी को हिलाएं, ताकि मसाले और खीरे अच्छी तरह मिल जाएं।
चरण 5: कांजी की जांच और परोसना
2-3 दिनों के बाद, कांजी का स्वाद चखें। इसमें हल्का खट्टापन और तीखापन होना चाहिए, जो किण्वन का संकेत है।
यदि कांजी तैयार है, तो जार को फ्रिज में रख दें ताकि किण्वन प्रक्रिया धीमी हो जाए।
कांजी को ठंडा परोसें। आप इसे खीरे के टुकड़ों के साथ या केवल पानी के रूप में पी सकते हैं।
गर्मियों में खीरे की कांजी के लाभ
खीरे की कांजी गर्मियों में स्वास्थ्य के लिए एक वरदान है।
1. शरीर को हाइड्रेट रखता है
खीरा अपने आप में 95% पानी से बना होता है, जो गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। कांजी में मौजूद नमक और खनिज इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे निर्जलीकरण की समस्या नहीं होती।
2. पाचन में सुधार
कांजी एक प्रोबायोटिक पेय है, जिसमें किण्वन के दौरान लाभकारी बैक्टीरिया (लैक्टोबैसिलस) उत्पन्न होते हैं। ये बैक्टीरिया आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, पाचन को सुचारू करते हैं और कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।
3. शरीर को ठंडक प्रदान करता है
खीरे की तासीर ठंडी होती है, जो गर्मियों में शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है। कांजी पीने से लू (heatstroke) और गर्मी से होने वाली बेचैनी से बचाव होता है।
4. वजन नियंत्रण में सहायक
कांजी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, जो इसे वजन घटाने के लिए एक आदर्श पेय बनाती है। यह भूख को नियंत्रित करता है और अनावश्यक स्नैकिंग को रोकता है।
5. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है
किण्वित खाद्य पदार्थों में मौजूद प्रोबायोटिक्स और खीरे में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
6. त्वचा के लिए लाभकारी
खीरे की कांजी में मौजूद विटामिन C और पानी त्वचा को हाइड्रेट रखते हैं और मुंहासों, दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। यह त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाता है।
7. पोषक तत्वों का स्रोत
कांजी में खीरे के साथ-साथ मसाले जैसे राई और हींग भी होते हैं, जो पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करते हैं। यह विटामिन K, विटामिन C और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का भी अच्छा स्रोत है।
स्वच्छता: कांजी बनाते समय जार, चम्मच और अन्य बर्तनों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि गंदगी से किण्वन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
अधिक किण्वन: यदि कांजी को अधिक समय तक धूप में रखा जाए, तो यह बहुत खट्टी हो सकती है। इसलिए समय-समय पर स्वाद की जांच करें।
एलर्जी: कुछ लोगों को राई या हींग से एलर्जी हो सकती है। यदि आपको कोई असुविधा हो, तो तुरंत कांजी का सेवन बंद करें।
मध्यम मात्रा: अधिक मात्रा में कांजी पीने से नमक की मात्रा बढ़ सकती है, जो उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।