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RANDEEPHOODA Photograph: (ians)
मुंबई, आईएएनएस। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन अभिनेता रणदीप हुड्डाका टाइगर या जंगलों से खासा लगाव है। लुप्तप्राय प्रजाति दिवस के मौके पर उन्होंने टाइगर के साथ तस्वीर शेयर की और बताया कि प्रकृति में संतुलन के लिए इनका रहना बेहद जरूरी है। अभिनेता का मानना है कि यदि इन्हें संरक्षित नहीं किया गया तो मानव का भविष्य भी अंधकारमय बन जाएगा।
प्रकृति में संतुलन
इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि पृथ्वी में सब कुछ संतुलन पर ही निर्भर करता है। एक प्रजाति के लुप्त होने से कई प्रभावित होंगे। उन्होंने लिखा, “हमारी पृथ्वी, जिसे हम धरती माता कहते हैं, यहां संतुलित और संवेदनशील इको सिस्टम है। यहां एक प्रजाति के लुप्त होने से कई प्रभावित होंगे या इससे भी बदतर स्थिति आ जाएगी और अस्तित्व खत्म हो जाएगा। लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पर आइए इस परस्पर निर्भरता की सुंदरता की सराहना करें और इसके प्रति सचेत रहें। यदि लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित नहीं किया गया, तो भविष्य में मनुष्य पर भी इसका असर पड़ेगा!”
लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित
रणदीप ने आगे बताया कि प्रकृति के साथ उनका संबंध कैसा है। उन्होंने लिखा, “प्रकृति के साथ मेरा रिश्ता और प्रकृति की सुंदरता और उसमें रहने वाले जीवों को कैमरे में कैद करने का मेरा प्यार सालों पहले शुरू हुआ था। इन शानदार जीवों को करीब से देखना और उनकी तस्वीरों को लेने का अहसास हमेशा से शानदार और खास रहा है।”
सह-अस्तित्व ही एकमात्र सत्य
हुड्डा का मानना है कि सह-अस्तित्व या एक-दूसरे के साथ ही सब सुरक्षित हैं। नहीं तो मानव अस्तित्व भी लुप्त हो जाएगा। उन्होंने लिखा, “मुझे हर बार यह महसूस होता है कि अगर मनुष्य सीख ले कि सह-अस्तित्व ही एकमात्र सत्य है, तो आगे कोई दिक्कत नहीं होगी।”
वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन
वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन रणदीप अक्सर जंगल की सैर पर निकलते हैं और बाघ, गैंडा या अन्य जानवरों को कैमरे में कैद कर प्रशंसकों को भी झलक दिखाते हैं। इससे पहले वह महाराष्ट्र, नागपुर के पास उमरेड-करहंडला वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में पहुंचे थे, जिसके वीडियो को उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था।