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सर्दियों में बाल झड़ना एक आम समस्या, जानें- ये आयुर्वेदिक प्रभावी उपाय

सर्दी का मौसम आते ही बालों में रूखेपन की शिकायत होने लगती है। बाल जड़ से टूटकर झड़ने लगते हैं, डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है और चमक गायब होने लगती है। ऐसे में आयुर्वेद के कुछ देसी उपायों से बालों की सही देखभाल की जा सकती है।

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YBN News
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hairfall Photograph: (ians)

नई दिल्ली। सर्दियों में ठंडी और शुष्क हवा के कारण बाल झड़ना एक आम समस्या है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में बढ़ी वात दोष और पोषण की कमी से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं। इसे रोकने के लिए नियमित रूप से नारियल, तिल या आंवला तेल से गर्म तेल मालिश काफी लाभकारी है। इसके अलावा भृंगराज, मेथी, आंवला और एलोवेरा के हेयर मास्क से बालों को मजबूत बनाया जा सकता है। आहार में प्रोटीन, विटामिन E और आयरन युक्त चीजें जैसे मूंग दाल, गुड़, बीज और सूखे मेवे शामिल करने चाहिए। पर्याप्त पानी पीना और तनाव को कम करना भी बेहद जरूरी है।

बालों में रूखेपन की शिकायत

सर्दी का मौसम आते ही बालों में रूखेपन की शिकायत होने लगती है। बाल जड़ से टूटकर झड़ने लगते हैं, डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है और चमक गायब होने लगती है। ऐसे में आयुर्वेद के कुछ देसी उपायों से बालों की सही देखभाल की जा सकती है। 

सर्दियों में बाल झड़ना

सर्दियों के मौसम में शरीर में वात दोष बढ़ जाता है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि सर्दियों में पाचन शक्ति तेज हो जाती है और भारी से भारी खाना पच जाता है। ऐसे समय में अगर बालों को पोषण देने वाला आहार लिया जाए तो बालों की मजबूती को वापस पाया जा सकता है। इसलिए शीत ऋतु में बालों को मजबूत बनाने के लिए पहले आंतरिक पोषण पर फोकस करना चाहिए। बालों का स्वास्थ्य केवल बाहरी देखभाल पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि आंतरिक मजबूती देना भी जरूरी है।

आयुर्वेद कहता है

आयुर्वेद कहता है कि केश, अस्थि धातु का उपधातु हैं, मतलब बालों पर उत्पाद लगाकर सिर्फ अस्थायी रूप से बालों में चमक लाई जा सकती है, लेकिन अस्थि, रक्त और रसधातु (पोषण देने वाला उत्तक) के संतुलन से बाल अंदर से मजबूत होते हैं। सुबह एक चम्मच देसी घी को गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। ये शरीर में वात दोष को कम करता है और बालों के रुखेपन को कम करता है।

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नाश्ते में और शाम के समय खाली पेट तिल और अलसी का सेवन करें। ये अस्थि को मजबूत बनाने का काम करते हैं। रात के समय दूध और दो खजूर का सेवन करें। ये बालों की जड़ों को पोषण देने का काम करेंगे। आंवला या त्रिफला का चूर्ण भी लिया जा सकता है। आंवला बालों और त्वचा दोनों के लिए लाभकारी होता है। अगर जूस बनाना संभव न हो तो आंवला के चूर्ण या त्रिफला के चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आयुर्वेद के प्रभावी तरीके

बालों को बाहरी पोषण के लिए नारियल का तेल, जटामांसी का तेल, भृंगराज का तेल या अपने पसंदीदा तेल को हल्का गुनगुना करें और उससे बालों की मालिश करें। ऐसा करने से सिर का रक्त संचार बढ़ता है, जो तनाव तो कम करता ही है। साथ ही बंद पड़े फॉलिकल्स को भी खोलने का काम करता है। तेल लगाने के 1 घंटे बाद बालों को हल्के हाथों से शैम्पू से धो लें। रात के समय नाक में दो-दो बूंद तिल का तेल या घी डालें। ये विधि सीधे बालों को पोषण पहुंचाती है।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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