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Lifestyle: तनाव और चिंता से मुक्ति के लिए करें 'शशांकासन' का नियमित अभ्यास

आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव और चिंता आम बात है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए शशांकासन एक अत्यंत लाभकारी योगासन है। संस्कृत शब्द 'शशंक' का अर्थ है खरगोश या चंद्रमा। यह आसन मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है और मानसिक शांति लाता है।

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YBN News
Balasana

Balasana Photograph: (ians)

नई दिल्ली।आज की भागदौड़ भरी जीवनशैलीमें तनाव और चिंता आम बात है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए शशांकासन एक अत्यंत लाभकारी योगासन है। संस्कृत शब्द 'शशंक' का अर्थ है खरगोश या चंद्रमा। यह आसन मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है और मानसिक शांति लाता है। इसके नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे तनाव कम होता है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है। 

हमारी लाइफस्टाइल

ऑफिस और घर के कामों में व्यस्त होने के कारण हमारी लाइफस्टाइल अनियंत्रित हो गई है और तनाव-चिंता एक दैनिक चुनौती बन गए हैं। ऐसे में योग करने से आंतरिक शांति दिलाने में मदद मिल सकती है। इन्हीं में से एक है 'शशकासन'। यह एक अत्यंत सरल, सहज और मन को शांत करने वाला आसन माना जाता है। इसके रोजाना अभ्यास से न केवल रीढ़, कंधों और पीठ को आराम मिलता है बल्कि मानसिक तनाव भी बेहतर रहता है।

'शशकासन' का अर्थ 

'शशकासन' को अंग्रेजी में इसे रैबिट पोज भी कहा जाता है। 'शशक' का अर्थ होता है 'खरगोश'। जिस प्रकार एक खरगोश अपनी मांद में सिमटकर सुरक्षित महसूस करता है, उसी प्रकार यह आसन अभ्यासकर्ता को आराम और शांति का अनुभव कराता है।

शशांकासन करने की विधि 

इसे करने के लिए आप योगा मैट पर व्रजासन में बैठ जाएं (पैर मोड़कर बैठें औररीढ़ की हड्डी सीधीहोनी चाहिए)। अब गहरी सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए शरीर को धीरे-धीरे नीचे की ओर ले जाएं। अब माथे और हाथ की हथेलियों को जमीन पर लगाएं। इस पोजीशन पर अपनी सुविधा के अनुसार बैठकर नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं। इस आसन को आप 10 से 15 मिनट तक दोहरा सकते हैं।

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'शशकासन' का नियमित अभ्यास

आयुष मंत्रालय भी 'शशकासन' का नियमित अभ्यास करने की सलाह देता है क्योंकि इसके नियमित अभ्यास मात्र से तनाव, चिंता और पाचन क्रिया में सुधार मिलता है और साथ ही यह पीठ की मांसपेशियों को भी आराम देता है।शशांकासन से रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव होता है और लचीलापन आता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से आपको पीठ की समस्याओं में आराम मिलता है।इसके नियमित करने से पेट के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह और भी तेज हो जाता है। साथ ही, यह आसन मधुमेह और गैस के नियंत्रण के लिए एक बहुत ही अच्छा उपचार है।

विशेषज्ञ सलाह

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि आप गंभीर स्वास्थ्य समस्या, पीठ दर्द, चक्कर, या घुटनों की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसे करने से सावधानी बरतें या फिर करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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