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yognindra Photograph: (ians)
नई दिल्ली। तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण गहरी नींद न आना एक आम समस्या बन गई है। लेकिन इसका सबसे आसान और असरदार समाधान है 'योग निद्रा'। इसे 'योगिक नींद' या 'जागरूक विश्राम' भी कहा जाता है। आज की तेज-रफ्तार वाली जिंदगी में ऑफिस और घर की जिम्मेदारियां इंसान को शारीरिक और मानसिक रूप से थका देती है। ऐसे में रात को भी अच्छी नींद पूरी होना थोड़ा मुश्किल होता है। इन्हीं में से एक सरल उपाय है 'योग निद्रा'।
एक सरल उपाय है 'योग निद्रा'
यह सोने और जागने के बीच की एक अवस्था है, जिसमें शरीर पूरी तरह से शिथिल हो जाता है, लेकिन मन जागरूक रहता है। नियमित रूप से केवल 20 मिनट तक योग निद्रा का अभ्यास करने से तंत्रिका तंत्र शांत होता है, तनाव कम होता है और आपको नींद से भी गहरा विश्राम मिलता है। यह अनिद्रा और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं में भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। बस शांत जगह पर लेटकर निर्देशित निर्देशों का पालन करें और शांति का अनुभव करें।
सरल अभ्यास
यह एक ऐसा सरल अभ्यास है, जिसके नियमित करने मात्र से ही तनाव, चिंता, अनिद्रा, डिप्रेशन और हाई प्रेशर जैसी समस्याओं में जबरदस्त राहत मिलती है। इसको करने के दौरान पूरा शरीर नींद जैसी आरामदायक अवस्था में होता है, लेकिन मन जागृत होता है। इसमें व्यक्ति लेटकर आंखें बंद करता है और निर्देशों का पालन करता है। इसके नियमित रूप से 20-30 मिनट करने मात्र से ही अच्छी नींद आती है। इसको करने के दौरान शरीर के प्रत्येक अंग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और निर्देशों का पालन करके तनाव की एक आरामदायक अवस्था में पहुंचा जाता है, जबकि मन जागृत रहता है। यह अभ्यास तनाव कम करने, नींद की गुणवत्ता सुधारने और गहरी आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
योगा मैट पर शवासन
इसे करने के लिए एक शांत और आरामदायक जगह पर योगा मैट पर शवासन में लेट जाएं। अपनी आवश्यकतानुसार, अपने सिर के नीचे एक पतला तकिया या घुटनों के नीचे रोल किया हुआ कंबल रख सकते हैं। आंखों को बंद कर लें और गहरी सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को अपनी क्षमता के अनुसार कुछ समय तक करें।
योग निद्रा एक शक्तिशाली ध्यान
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग निद्रा एक शक्तिशाली ध्यान तकनीक है, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विश्राम को प्रेरित करती है। यह हमारी इंद्रियों पर नियंत्रण रखती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके नियमित अभ्यास से मन शांत हो सकता है और इसे कोई भी कर सकता है, लेकिन जिन्हें उठने-बैठने में तकलीफ होती है। वे इसे करने से परहेज करें या फिर करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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