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संपूर्ण स्वास्थ्य का मंत्र: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रोज करें सूर्य नमस्कार

विशेषज्ञ मानते हैं कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए रोजाना केवल कुछ मिनट का समय देना ही काफी है, और इसके लिए सूर्य नमस्कार एक अद्भुत विकल्प है। 12 आसनों का यह क्रम शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचाता है।

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YBN News
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yoga Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। विशेषज्ञ मानते हैं कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए रोजाना केवल कुछ मिनट का समय देना ही काफी है, और इसके लिए सूर्य नमस्कार एक अद्भुत विकल्प है। 12 आसनों का यह क्रम शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचाता है। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। मानसिक स्तर पर, यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है। इसे रोजाना करने से रक्त संचार बेहतर होता है और त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है। कुल मिलाकर, यह शरीर को ऊर्जावान बनाकर दिन की सकारात्मक शुरुआत सुनिश्चित करता है।

संतुलित जीवनशैली

असंतुलित जीवनशैली होने के कारण कई लोग मानसिक और शारीरिक समस्या से जूझते रहते हैं, लेकिन पूरे दिन खुद को एनर्जेटिक रखने के लिए रोजाना घंटों अभ्यास करने की जरूरत नहीं होती। इसके लिए सिर्फ सूर्य नमस्कार ही काफी है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य नमस्कार केवल आसनों का एक क्रम नहीं, बल्कि शरीर, श्वास और मन को जोड़ने वाली एक संपूर्ण साधना है। यह योग मुद्राओं का एक ऐसा गतिशील क्रम है, जो हमारे शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है।

सूर्य नमस्कार 8 आसनों

सूर्य नमस्कार 8 आसनों (प्रणमासन, हस्त उत्तानासन, हस्त पादासन, अश्व संचलनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन और पर्वतासन) का समूह है, जो पूरे शरीर में ऊर्जा और रक्त संचार को बेहतर करता है। यह फेफड़ों को मजबूत कर बलगम की समस्या को दूर करता है। यह पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। यह 8 आसनों का एक समूह है, जिसमें कुल 12 चरण होते हैं, जो शरीर को सक्रिय करते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

एक संपूर्ण योग अभ्यास

आयुष मंत्रालय के अनुसार, सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण योग अभ्यास है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों बेहतर बनाता है। इसके रोजाना अभ्यास करने से शारीरिक शक्ति और शरीर में लचीलापन बढ़ता है और साथ ही रक्त संचार बेहतर होता है और तनाव और चिंता कम होती है। सूर्य नमस्कार करने से मसल्स एक्टिव होती हैं और शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे वजन तेजी से घटता है। शुरुआती दिनों में इसे धीरे-धीरे करें और समय के साथ इसके स्टेप्स बढ़ाएं, ताकि शरीर को अधिक फायदा मिल सके।

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सूर्य नमस्कार करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते कर सांस लेते हुए, हाथों को पीछे कमर की ओर ले जाएं और सिर और ऊपरी धड़ को थोड़ा पीछे झुकाएं। अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे झुकें। हथेलियों को पैरों के बगल में जमीन पर रखें। घुटने सीधे रखें (शुरुआत में थोड़ा मोड़ सकते हैं)। सांस लेते हुए, दाएं पैर को पीछे की ओर लंबा फैलाएं। बायां घुटना मुड़ा रहे। सिर ऊपर उठाएं, सामने देखें। अब दूसरे पैर को भी पीछे ले जाएं और अपने शरीर को हाथों और पैरों के बीच बैलेंस करें। चेहरा पैरों की ओर होना चाहिए। अब घुटनों, छाती और ठुड्डी को जमीन पर रखें और कुछ सेकंड तक होल्ड करें। अब शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं। इसके बाद सांस रोकते हुए पहले घुटने, फिर छाती और अंत में ठुड्डी को जमीन से स्पर्श कराएं और कूल्हे हल्के ऊपर उठे रहें और सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को नाभि तक ऊपर उठाएं। कोहनियों को हल्का मोड़कर रखें। सिर को पीछे झुकाएं। अब शरीर को ऊपर उठाएं और अपने पैरों और हाथों को सीधा रखते हुए सिर को अंदर की ओर करें। पहले वाले पैर को आगे लाएं और सिर ऊपर की ओर रखें। अब दोनों पैरों को साथ लाकर फिर से नीचे झुकें। धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें। अब शरीर को सीधा करें और हाथों को जोड़कर शुरुआती स्थिति में आ जाएं।

रोजाना सूर्य नमस्कार करने से आप अपनी सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं, लेकिन अगर आपको गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो इसे करने से बचें या फिर डॉक्टर से सलाह लें।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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