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kidneystones Photograph: (ians)
नई दिल्ली। हाल के वर्षों में, किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) की समस्या तेजी से युवाओं में बढ़ रही है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने इसका मुख्य कारण असंतुलित जीवनशैली को बताया है। कम पानी पीना, अत्यधिक प्रोसेस्ड और नमकीन भोजन का सेवन, और शारीरिक गतिविधि की कमी प्रमुख जोखिम कारक हैं।
जीवनशैली में बदलाव
डॉक्टरों के अनुसार, इस दर्दनाक समस्या से निजात पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव अत्यंत आवश्यक है। निदान के लिए प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना, फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार लेना और नियमित व्यायाम करना बेहद महत्वपूर्ण है। इन सरल उपायों को अपनाकर युवा न केवल पथरी के बनने को रोक सकते हैं, बल्कि संपूर्ण गुर्दे के स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।
पथरी की परेशानी
मालूम हो कि गलत खानपान और कम पानी पीने की वजह से शरीर में धीरे-धीरे कई सारी परेशानियां होने लगती हैं। आज के समय में खराब जीवनशैली की वजह से युवाओं से लेकर बुजुर्गों में किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बहुत ज्यादा देखी जा रही है। कई बार पथरी की परेशानी को दवा लेकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में दवा की जगह सर्जरी का सहारा लिया जाता है।
गुर्दे की पथरी
आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को “अश्मरी रोग” कहा जाता है, जिसका सीधा अर्थ है शरीर में किसी कठोर संरचना का बनना। आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को वात, पित्त और कफ तीनों के असंतुलन से जोड़कर देखा गया है। शरीर में तीनों दोषों का संतुलन तब होता है जब शरीर को सही मात्रा में पानी न दिया जाए और ज्यादा नमक, मांसाहार, प्रोटीन और मसालेदार भोजन का सेवन किया जाए। इसके साथ ही जीवनशैली का खराब होना भी किडनी स्टोन होने का बड़ा कारण है। खाने के बाद तुरंत लेट जाने से पाचन शक्ति कमजोर होती है और खाना सही से नहीं पचता है। ऐसे में किडनी स्टोन का खतरा ज्यादा रहता है।
किडनी स्टोन का इलाज
आयुर्वेद मानता है कि जब शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों का असंतुलन होता है तो मूत्रवाहिनी में खनिज और लवण जमना शुरू हो जाते हैं और कठोर रूप ले लेते हैं। इन्हें ही किडनी स्टोन या पथरी कहा जाता है। समय के साथ इनका आकार बढ़ता रहता है। शुरुआती स्तर पर दवाओं से किडनी स्टोन का इलाज संभव है, लेकिन आकार ज्यादा बड़ा हो जाने पर सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है।
कई प्राकृतिक उपाय
आयुर्वेद ने कई प्राकृतिक उपाय बताए हैं, कुछ किडनी स्टोन के लिए, जिनके जरिए काफी हद तक किडनी स्टोन की परेशानी को कम किया जा सकता है। किडनी स्टोन की समस्या होने पर नारियल पानी का सेवन दिन में दो बार करना चाहिए और खूब सारा पानी भी पीना चाहिए। नारियल पानी शरीर को ठंडक देता है और यूरिन को पतला करने में भी सहायक है।
गोखरू और गोकुलाक्षी क्वाथ चूर्ण
तुलसी और शहद का सेवन भी किडनी स्टोन के लिए लाभकारी होता है। तुलसी और शहद पित्त को संतुलित करते हैं और पथरी की स्थिति को कंट्रोल करते हैं। इसके लिए रोजाना तुलसी और शहद को मिलाकर लेना चाहिए। इसके अलावा लौकी का रस लेना भी लाभकारी होता है। यह मूत्रवाहिनी मार्ग पर होने वाले संक्रमण को कम करता है। इस रस का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श से गोखरू और गोकुलाक्षी क्वाथ चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। ये आयुर्वेदिक चूर्ण मूत्रमार्ग को साफ करने में मदद करते हैं और किडनी स्टोन को तोड़ने की ताकत भी रखते हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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