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वक्रासन या अर्ध-मत्स्येन्द्रासन: पाचन दुरुस्त व रीढ़ को मिलती है मजबूती, पर बरतें सावधानी

वक्रासन, जिसे अर्ध-मत्स्येन्द्रासन का सरल रूप भी कहा जाता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती लाने के लिए एक बेहतरीन योगासन है। यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

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YBN News
ArdhaMatsyendrasana

ArdhaMatsyendrasana Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। वक्रासन, जिसे अर्ध-मत्स्येन्द्रासन का सरल रूप भी कहा जाता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती लाने के लिए एक बेहतरीन योगासन है। यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) को टोन करता है और साइटिका के दर्द में भी लाभकारी है। इसके नियमित अभ्यास से मधुमेह (डायबिटीज) प्रबंधन में मदद मिलती है।

व्यस्त और भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल

आज की व्यस्त और भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं को दावत देती है। इनका समाधान योगासनों में छिपा है और इसे दिनचर्या में शामिल कर स्वस्थ रहा जा सकता है। ऐसे ही एक सरल आसन का नाम है वक्रासन।  मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ योगा, वक्रासन के बारे में विस्तार से जानकारी देता है। यह कमर और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के लिए बेहतरीन माना जाता है। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है।

वक्रासन के अभ्यास

योगा इंस्टीट्यूट के मुताबिक वक्रासन के लिए सबसे पहले जमीन पर पैर सीधे रखकर बैठें। दाहिना पैर घुटने से मोड़कर बाएं जांघ के बाहर रखें। बायां हाथ दाहिने घुटने के ऊपर से ले जाकर दाहिने पैर के पंजे को पकड़ें और दाहिनी ओर मुड़कर देखें। इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी दोहराएं। इस दौरान सांस सामान्य रखें और 25 से 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

वक्रासन के अभ्यास से एक-दो नहीं कई फायदे मिलते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है। कमर और कंधों का दर्द दूर करने में मदद मिलती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है, कब्ज की शिकायत कम होती है। गैस, एसिडिटी की समस्या दूर होती है। लिवर और किडनी को सक्रिय कर डिटॉक्स में सहायता करता है। शारीरिक समस्याओं में राहत देने के साथ ही वक्रासन मानसिक समस्याओं में भी राहत देता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है।

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गलत तरीके से करने से नुकसान

वक्रासन बहुत फायदेमंद है, लेकिन गलत तरीके से या गलत स्थिति में करने से नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हमेशा प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। गंभीर पीठ दर्द या स्लिप डिस्क की समस्या या मेरुदण्ड (स्पाइन) में कोई विकार या चोट हो तो इसे नहीं करना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को या पेट की सर्जरी हुई हो तो सावधानी बरतनी चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।

सावधानियां:

हालांकि यह आसान है, लेकिन गर्भवती महिलाओं, हर्निया के रोगियों, या रीढ़/कमर में गंभीर दर्द या चोट वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। शुरुआती लोगों को इसे योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। इस आसन को अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करें।

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 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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