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पीरियड्स में दवा ले सकते हैं क्या? छात्राओं ने तोड़े संकोच के बंधन, विशेषज्ञों से बेझिझक पूछे सवाल

सत्र में छात्राओं ने विशेषज्ञों से खुलकर सवाल पूछे। कक्षा 10 की प्रिय ने यह जानना चाहा कि क्या पीरियड्स के समय दवा ली जा सकती है और मासिक धर्म में काला (ब्लैक) रक्त आना कोई बीमारी का संकेत है या यह सामान्य स्थिति होती है।

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Deepak Yadav
Ramadhin Singh Inter College

रामाधीन कॉलेज की छात्राएं पीरियड्स को लेकर विशेषज्ञों से सवाल पूछतीं Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में बाबूगंज स्थित रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज में शुक्रवार को मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य किशोरियों, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के प्रति जागरुक करना था। विशेषज्ञों ने मासिक धर्म से जुड़ी गलत धारणाओं और सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने और छात्राओं को सुरक्षित और स्वच्छ तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। 

मासिक धर्म पर टूटी चुप्पी

इस दौरान सत्र में छात्राओं ने विशेषज्ञों से खुलकर सवाल पूछे। कक्षा 10 की प्रिय ने यह जानना चाहा कि क्या पीरियड्स के समय दवा ली जा सकती है और मासिक धर्म में काला (ब्लैक) रक्त आना कोई बीमारी का संकेत है या यह सामान्य स्थिति होती है। इसके जवाब में विशेषज्ञों ने बताया कि हल्का काला या गाढ़ा रक्त कई बार सामान्य हो सकता है, पर अगर यह लगातार होता रहे या दर्द के साथ हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित है। उन्होंने यह भी बताया कि पीरियड्स के दौरान आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से दवा ली जा सकती है। 

पीरियड्स देर से आएं तो क्या करें?

कक्षा 9 की जारा ने पूछा कि अगर पीरियड्स नियमित समय पर न हों या काफी देर से आएं, तो क्या कोई समस्या हो सकती है। इस पर विशेषज्ञों ने कहा कि अत्यधिक देरी, अनियमितता या लंबे समय तक पीरियड्स न आना कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है और ऐसे में चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी होता है।

संवाद से टूटी झिझक, मिली सही जानकारी

सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ रिसोर्सलेस बाय ट्रेनिंग एंड हैंड होल्डिंग समर्थ सेंटर के सहयोग से ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्था की टीम लीडर ज्योति व पूजा यादव ने छात्राओं से खुलकर संवाद किया। उन्होंने मासिक धर्म के समय होने वाली सामान्य समस्याओं, साफ-सफाई बनाए रखने के उपायों और संतुलित खानपान की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वस्थ आदतें अपनाकर आत्मविश्वास के साथ इन दिनों को सहज बनाया जा सकता है।

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500 सैनिटरी पैड्स वितरित

ज्योति द्विवेदी ने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता से भी जुड़ा हुआ विषय है। उन्होंने इस तरह की जागरूकता पहलों की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर करीब 500  नि:शुल्क सैनिटरी पैड्स कॉलेज में रखवाये गए। ताकि छात्राओं को जरूरत के समय उपयोग कर सकें और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से सुरक्षित रह सकें।

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