नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
14 जनवरी को हम साल का पहला त्योहार मनाने जा रहे हैं, जिसे हम मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं। इस दिन हर कोई सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके और खिचड़ी खाना पसंद करता है। ऐसा साल में पहली बार होता है, जब खिचड़ी खाने में इतनी स्वादिष्ट लगती है। हर घर में देखा जाता है कि लोग खिचड़ी के साथ घी और दही को बहुत आनंद लेकर खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम लोग मकर संक्रांति पर खिचड़ी का सेवन क्यों करते हैं? आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे सालों पुराना राज-
क्या है खिचड़ी के पीछे का राज
देश में मकर संक्रांति का त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। वहीं, इस पर्व पर खिचड़ी बनाकर सूर्य देव को भोग लगाने के बाद इसे प्रशाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। बता दें, मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना इसलिए शुभ माना जाता है क्योंकि इससे हमारे ग्रह मजबूत होते हैं और जिंदगी में आने वाली मुश्किलें दूर होती हैं। वहीं, सूर्य व शनि ग्रह अच्छे होने से आपको जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
सेहत के लिए फायदेमंद है खिचड़ी
बता दें, चंद्रमा कमजोर होने पर हम चावल का सेवन करते हैं। इतना ही नहीं, हल्दी को गुरु का, हरी सब्जियों को बुध का कारक माना जाता है। साथ ही, दाल, चावल और हरी सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है। वहीं खिचड़ी के पक जाने पर उससे जो गर्माहट निकलती है, उसका संबध भगवान सूर्य और ग्रहों के सेनापति मंगल से बताया जाता है। इस तरह सभी नवग्रहों से खिचड़ी को जोड़ा जाता है। इसलिए हम मकर संक्रांति वाले दिन खिचड़ी खाते हैं।
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बता दें, खिचड़ी को पौष्टिक आहार भी माना जाता है और ये हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। बता दें, मकर संक्रंति के दिन लोग गरीबों को खिचड़ी दान में भी देते हैं और उनका आशिर्वाद प्राप्त करते हैं।