World Environment Day:विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, 2025 के अवसर पर, बॉलीवुड अभिनेता, फिल्म निर्माता और पर्यावरण उत्साही रणदीप हुड्डा ने अपनी पत्नी, अभिनेत्री और उद्यमी लिन लैशराम के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क के पास 500 से अधिक पेड़ लगाए। यह सार्थक कदम प्रकृति संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जानकारी हो कि रणदीप वन्यजीव फोटोग्राफर और संरक्षणवादी भी हैं, ने इस दिन को भारत की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने और विस्तार करने में योगदान देकर मनाया। हुड्डा ने कहा ,"प्रकृति को हमारी जरूरत नहीं है - हमें प्रकृति की जरूरत है,"
वहीं, रणदीप हुड्डा ने इस अवसर पर एक भावनात्मक संदेश साझा किया। उन्होंने कहा, "विश्व पर्यावरण दिवस केवल कैलेंडर पर एक प्रतीकात्मक तारीख नहीं है - यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति को हुए नुकसान की मरम्मत के लिए हमारे पास समय कम बचा है। जंगल हमारे ग्रह के फेफड़े हैं, और इनके बिना, जैव विविधता, जिसे हम अक्सर हल्के में लेते हैं, जीवित नहीं रह सकती।"
उन्होंने आगे कहा, "वन्यजीवों के प्रति मेरा जुड़ाव हमेशा आध्यात्मिक रहा है, और कान्हा की हर यात्रा हमारी जिम्मेदारी को और मजबूत करती है।" रणदीप ने सभी से आग्रह किया कि वे इस दिन को न केवल मनाएं, बल्कि इस संदेश को हर दिन अपनी क्षमता के अनुसार अपनाएं।
कान्हा नेशनल पार्क का महत्व
मालूम हो कि कान्हा नेशनल पार्क, जहां यह वृक्षारोपण हुआ वह अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, स्लॉथ भालू, बारहसिंगा, ब्लैकबक और ढोल जैसे वन्यजीव पाए जाते हैं। यह पार्क भारत का पहला टाइगर रिजर्व है, जिसने भूरसिंह द बारहसिंगा को अपना आधिकारिक शुभंकर बनाया है। रणदीप और लिन ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में पेड़ लगाए, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिली।
वहीं, रणदीप ने वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला, "एक पेड़ लगाना छोटा कार्य लग सकता है, लेकिन यह गहराई से शक्तिशाली है। एक पेड़ आश्रय, भोजन, ऑक्सीजन और संतुलन देता है - ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति हमें बिना कुछ मांगे सब कुछ देती है।" लिन और रणदीप ने इस पहल के माध्यम से इस महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा में योगदान दिया, जो अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षा की मांग करता है।
रणदीप हुड्डाऔर लिन लैशराम का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। 500 से अधिक पेड़ लगाकर, उन्होंने न केवल विश्व पर्यावरण दिवस 2025 को यादगार बनाया, बल्कि दूसरों को भी प्रकृति की रक्षा के लिए प्रेरित किया। यह कदम जंगलों और वन्यजीवों की परस्पर निर्भरता को रेखांकित करता है, जो एक साथ फलने-फूलने चाहिए।