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यश की मौत के बाद परिवार में मचा कोहराम।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के मोहनलालगंज क्षेत्र में ऑनलाइन गेम फ्री फायर की लत ने 13 वर्षीय मासूम यश की जिंदगी छीन ली। यश ने एक लिंक के जरिए गेम में रकम लगाते-लगाते करीब 14 लाख रुपये गंवा दिए और जब परिवार को इस खेल की सच्चाई पता चली तो उसने फंदा लगाकर जान दे दी। यह रकम उसके पिता ने एक बीघा जमीन बेचकर पत्नी के इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए बैंक में जमा की थी।
यश ने आखिरी बार 51 हजार रुपये किये थे ट्रांसफर
बैंक जांच में सामने आया है कि यश ने आत्महत्या से महज एक दिन पहले 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। पुलिस को शक है कि यश फोन पर बिहार के एक युवक से लगातार बात करता था, जिसने उसे करोड़ों कमाने का लालच देकर जाल में फंसा लिया।
पुलिस ने मोबाइल को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक लैब भेजा
एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने बताया कि यश का मोबाइल कब्जे में लेकर फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। फोन को रीसेट या फॉर्मेट किसने किया, इसकी जांच चल रही है। आशंका है कि संदिग्ध युवक ने खुद की पहचान छिपाने के लिए फोन से डेटा मिटा दिया। परिजन तहरीर देते हैं तो केस दर्ज कर साइबर फ्रॉड की जांच आगे बढ़ेगी।
पुलिस ने बैंक से जुटाए दस्तावेज
मंगलवार को पुलिस की एक टीम ने बिजनौर स्थित यूनियन बैंक जाकर खाता खंगाला और लेन-देन संबंधी दस्तावेज जब्त किए। यह जांच की जा रही है कि यश ने रकम किस खाते में भेजी और उसके पीछे कौन लोग हैं। साइबर टीम इन खातों के जरिए पूरे नेटवर्क तक पहुँचने का प्रयास कर रही है।
परिवार और दोस्तों के चौकाने वाला बयान आया सामने
यश की छोटी बहन गुनगुन ने बताया कि भाई देर रात गुपचुप किसी से फोन पर बातें करता था। गांव के दोस्तों का कहना है कि यश ने उन्हें बताया था कि एक इंस्टाग्राम फ्रेंड ने करोड़ों कमाने का लालच दिया है और उसी ने लिंक भेजकर पैसे लगाने को कहा। पहले सबको उसकी बात मजाक लगी, लेकिन बाद में सच सामने आया।
दस दिन से यश बार-बार बिहार जाने की कर रहा था जिद
परिजनों के मुताबिक, बीते दस दिनों से यश बार-बार बिहार जाने की जिद कर रहा था। पिता ने उसे समझाया कि वे साथ चलेंगे, लेकिन इसके पीछे भी उसी युवक का दबाव माना जा रहा है। सुरेश कुमार ने पुलिस से कॉल डिटेल निकालने और संदिग्ध की पहचान करने की मांग की है।
मासूम की जिंदगी पर भारी पड़ा ऑनलाइन जुआ खेल
धनुवासाड़ गांव का इकलौता बेटा यश, परिवार की उम्मीदों का सहारा था। लेकिन ऑनलाइन गेम के इस काले खेल ने एक बच्चे को साइबर जालसाजों का शिकार बना दिया। अब पुलिस की जांच से साफ होगा कि मासूम को किसने इस खतरनाक रास्ते पर धकेला और आखिर वह बिहार का युवक कौन था।
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