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घर में घुसकर भाई-बहन को पीटते हुए, थाने में सुनवाई न होने पर रोते हुए पीड़िता ने वायरल किया वीडियो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे हैं। मड़ियांव इलाके के एल्डिको सिटी स्थित कुटीर अपार्टमेंट में हुए हमले के बाद भी पुलिस ने चार दिन तक कार्रवाई नहीं की। सोसाइटी के अध्यक्ष और उसके साथियों पर एक युवती और उसके भाई को बेरहमी से पीटने का आरोप है, लेकिन पुलिस शिकायत को आपसी विवाद बताकर टालती रही। जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
पीड़िता ने थाने के बाहर से रोते हुए जारी किया वीडियो
पीड़िता शालू चौरसिया ने रोते हुए थाने के बाहर वीडियो जारी किया है, जिसमें वह कहती दिख रही हैं कि हम चार दिन से न्याय की भीख मांग रहे हैं, लेकिन पुलिस सुनने को तैयार नहीं है वीडियो में शालू की आंखों में डर और गुस्सा साफ झलकता है। उसका कहना है कि मड़ियांव थाने के चक्कर लगाते-लगाते वह थक चुकी है, लेकिन अधिकारियों ने उल्टा उसे ही झूठा करार दिया।
लखनऊ के मड़ियांव में सोसाइटी अध्यक्ष और साथियों ने युवती व उसके भाई को पीटा। वीडियो वायरल pic.twitter.com/LXMxffjTHO
— shishir patel (@shishir16958231) October 28, 2025
23 अक्टूबर की रात फ्लैट में घुसे और भाई-बहन को पीटा
घटना 23 अक्टूबर की रात की बताई जा रही है। आरोप है कि सोसाइटी के अध्यक्ष रमन सिंह और उसके 8-10 साथियों ने शालू और उसके भाई शिवम के फ्लैट में घुसकर दोनों को बेरहमी से पीटा। महज 16 सेकेंड के भीतर दोनों पर 20 से अधिक थप्पड़ मारे गए। गालियां दी गईं और मॉस्किटो रॉकेट से भी हमला किया गया। पीड़िता ने बताया कि इन लोगों ने उनके गहने, मोबाइल और 20,000 नकद भी लूट लिए।
युवती ने तीन बार 112 नंबर पर कॉल की
शालू का दावा है कि अपार्टमेंट का अध्यक्ष पिछले दो महीने से उस पर दबाव बना रहा था और संबंध न बनाने पर धमकियां दे रहा था। घटना वाली रात भी उसने नशे में धुत होकर अपने साथियों के साथ हमला किया और फ्लैट में ताला लगाकर बाहर निकाल दिया। युवती ने तीन बार 112 नंबर पर कॉल की, लेकिन पुलिस मौके पर आकर चली गई। न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही कोई रिपोर्ट दर्ज की गई।
यूपी की राजधानी में मंगलवार को सामने आए 50 सेकेंड के वीडियो में एक युवती मडियांव थाने के बाहर खड़ी होकर रोते दिख रही है। रोते हुए युवती खुद का नाम शालू चौरसिया बताती है। वीडियो में कह रही है कि अपार्टमेंट के अध्यक्ष और उसके साथियों ने कमरे में घुसकर उसे और उसके भाई को पीटा। pic.twitter.com/lyIwWYecEb
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पुलिस से शिकायत करने पहुंची तो नहीं की सुनवाई
24 अक्टूबर को जब शालू थाने पहुंची, तो पुलिस ने उसे ही फटकार लगाते हुए कहा झूठी कहानी बनाकर मत आओ। अगले दिन दोबारा जाने पर थाने के एक उपनिरीक्षक ने उसे सलाह दी कि अगर फोन ले गए हैं तो फोन का पैसा ले लो। यह संवाद खुद पीड़िता के बयान का हिस्सा है, जिसने पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।
वीडियो वायरल होते ही पुलिस की जमकर हुई आलोचना
घटना का वीडियो सामने आने के बाद जनता और सोशल मीडिया पर पुलिस की जमकर आलोचना शुरू हो गई। लोग सवाल उठा रहे हैं कि राजधानी में भी महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी खुलेआम फ्लैट में घुसकर महिला और उसके भाई पर हमला करते हैं, पर पुलिस चार दिन तक जांच जारी है कहती रही।विवाद बढ़ने के बाद मड़ियांव थाना प्रभारी शिवानंद मिश्रा ने कहा कि रमन सिंह समेत कई लोगों पर आठ धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जांच चल रही है। लेकिन सवाल यह है कि कार्रवाई वायरल वीडियो के बाद ही क्यों शुरू हुई?
थाना मड़ियांव में अपार्टमेंट के अंदर युवती और उसके भाई को पीटने का वीडियो वायरल होने पर हरकत में आयीं पुलिस, बाइट देते पुलिस उपायुक्त उत्तरी। pic.twitter.com/wGqm2KxUYn
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एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आयी सामने
राजधानी में यह पहला मामला नहीं है, जब शिकायत दर्ज कराने के लिए पीड़ित को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा हो। शालू चौरसिया का यह वीडियो अब पुलिस तंत्र की लापरवाही का एक और उदाहरण बन गया है। घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि पुलिस के प्रति जनता के भरोसे को भी झकझोर दिया है।
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सबसे पहले यहां से शुरू हुूआ था विवाद का जड़
बीते गुरुवार की रात्रि एक अपार्टमेंट में वाहन पार्किंग को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि युवती ने गार्ड से गाली-गलौज करते हुए उसका मोबाइल फोन तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, शालू नाम की युवती ने अपनी कार अपार्टमेंट के बाहर खड़ी कर दी थी। जब गार्ड ने गाड़ी हटाई तो युवती भड़क उठीं और हंगामा करने लगीं।गार्ड ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो महिला ने उसका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। इसके बाद गार्ड ने सोसायटी प्रबंधन को सूचना दी। इसी के बाद से बढ़ा विवाद और दबंगों ने उसके फ्लैट में घुसकर शालू और उसके भाई को पीटा।
अखिलेश यादव बोले, बेटी की आवाज़ सुनी जाएगी या दबा दी जाएगी?
मड़ियांव इलाके में फ्लैट के अंदर युवती और उसके भाई के साथ हुई मारपीट की घटना अब राजनीतिक रंग ले चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद विपक्ष ने योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया है।अखिलेश यादव ने लिखा महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लखनऊ में युवती के साथ हुई मारपीट की यह घटना बेहद निंदनीय है। बेटी की आवाज़ सुनी जाएगी या दबा दी जाएगी? इस मामले में कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि भाजपा सरकार से तो अब कोई उम्मीद ही नहीं बची।
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