लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । उत्तर प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को लेकर शासन ने अब सख्त रुख अपना लिया है। आने वाले दिनों में यदि कहीं सड़क दुर्घटना होती है तो उसके लिए संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। एडीजी यातायात के सत्यनारायण ने इस दिशा में कड़े निर्देश जारी करते हुए साफ कहा है कि अब हादसों को हल्के में लेने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी।
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एडीजी ने हर जिले से मांगी पांच बड़ी दुर्घटनाओं की विवेचना
एडीजी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों से हाल में हुई पांच बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की विवेचना फाइलें मंगाई गई हैं। इन फाइलों के जरिए यह अध्ययन किया जाएगा कि किन वजहों से हादसे हुए और उसमें किन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। अगर किसी स्तर पर चूक पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सीएम योगी भी सड़क हादसों को लेकर काफी गंभीर
एडीजी यातायात का कहना है कि अभी तक कई हादसों को स्थानीय प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया है। यही कारण है कि दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सड़क हादसों को लेकर बेहद गंभीर हैं और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी कर रहे हैं।
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प्रदेश स्तर पर जलाया जाएगा सोशल मीडिया कैंपेन
सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत स्कूल, कॉलेज, और सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। आम जनता में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक और सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाए जाएंगे।
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई
इसके अलावा शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अब और कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों की यातायात पुलिस को ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। हर जिले में चेकिंग अभियान चलाकर नशे में वाहन चलाने वालों को पकड़ा जाएगा और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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हादसों की तह तक जाकर सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एडीजी स्तर से यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब न केवल आम जनता, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों को भी सतर्क रहना होगा क्योंकि किसी भी लापरवाही की सजा सीधे कार्रवाई के रूप में सामने आ सकती है।इस अभियान का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा को मजबूत करना और लोगों की जान बचाना है। एडीजी ने साफ किया कि अब हर एक हादसे की तह तक जाकर उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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