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केजीएमयू कुलपति समेत चार डॉक्टरों पर केस दर्ज Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में मां बनने की उम्मीद लेकर पहुंची गर्भवती महिला से डॉक्टरों ने उसकी ममता और जिंदगी का एक अहम फैसला भी छीन लिया। महिला का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने बिना किसी अनुमति के नसबंदी कर दी। वहीं, जन्म लेने वाले बच्चे ने छह दिन बाद दम तोड़ दिया।
तीन साल बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
जब दंपती को नसबंदी का पता चला तो उन्होंने मामले की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की, लेकिन कोई उचित कार्रवाई करने की बजाय उन्हें धमकी देकर मामला दबाने का प्रयास किया गया। अब करीब तीन साल के संघर्ष के बाद कोर्ट के आदेश पर चौक कोतवाली में क्वीनमेरी के चार डॉक्टरों समेत केजीएमयू के पूर्व कुलपति पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें दंपति ने प्रदेश सरकार को भी प्रतिवादी बनाया है।
समय से पहले ही करा दिया प्रसव
यूपी के हरदोई जनपद के शाहबाद क्षेत्र के रतनपुर आंझी गांव निवासी हेमवती नंदन ने बताया कि उन्होंने चार अक्टूबर 2022 को अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में डॉ. शिवानी, डॉ. अमिता पांडे, डॉ. मोनिका अग्रवाल और डॉ. निदा खान ने उनकी पत्नी का इलाज शुरू किया। आरोप है कि पांच अक्टूबर को डॉक्टरों ने समय से पहले ही प्रसव करा दिया, जिसमें पत्नी को एक बेटा हुआ, लेकिन बच्चे की तबीयत खराब होने के चलते उसे वेंटिलेटर पर रख दिया गया। छह दिन बाद बेटे की मौत हो गई। नवजात की मौत के गम के बीच पता चला कि डॉक्टरोंं ने बिना किसी सहमति के उनकी पत्नी की नसबंदी कर दी।
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