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डॉ. शाहीन
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में आतंक नेटवर्क की तह तक पहुँचने के लिए शनिवार को एटीएस ने चारबाग क्षेत्र के एक निजी होटल पर अचानक छापेमारी की। कुछ दिन पहले आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन के नजदीकी लोग इसी होटल में रुके थे, जिसके बाद एजेंसियों ने होटल स्टाफ से पूछताछ कर सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है।टीम यह पता लगा रही है कि होटल में ठहरने वालों ने वैध पहचान पत्र जमा किए थे या नहीं। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि शाहीन ने ही इन व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था कराई थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे कितने दिनों तक होटल में ठहरे और उनका वास्तविक उद्देश्य क्या था।
दस्तावेजों में छुपाई गई जानकारी
जांच में सामने आया है कि शाहीन ने अपनी पहचान से जुड़े कई अहम विवरण दस्तावेज़ों में दबा रखे थे। उसके स्थायी पता से जुड़े कागज़ात में पिता सईद के खंदारी बाजार स्थित घर का कोई उल्लेख नहीं मिलता। सभी दस्तावेजों में उसने अपने भाई परवेज का पता उपयोग किया है। एटीएस अब यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसने ऐसा क्यों किया और इस जानकारी को छिपाने का उसका मकसद क्या था।सूत्रों के अनुसार, शाहीन कुछ महीने पहले लखनऊ आई थी और परवेज से मुलाकात के बाद उसके साथ कानपुर भी गई थी। हालांकि, कानपुर जाने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है। जांच एजेंसियों का अनुमान है कि इसी सफर में कई महत्वपूर्ण सुराग छिपे हो सकते हैं।
परवेज की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में नियुक्त परवेज ने शुरुआती वर्षों में लगातार नाइट शिफ्ट में काम किया था। एटीएस के हाथ लगे उसके ड्यूटी चार्ट से यह शक और गहरा हो गया है कि वह दिन में किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल रहा हो सकता है।परवेज के घर से बरामद मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क को डिकोड करने के लिए एटीएस केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है। एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि परवेज करीब तीन साल मालदीव में रहा था और इसी दौरान उसके कट्टरपंथी तत्वों के संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है।
डॉ. मुजफ्फर राथर इस पूरे मॉड्यूल को विदेश से संचालित कर रहा था
जांच में सामने आया है कि दुबई में मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. मुजफ्फर राथर इस पूरे मॉड्यूल को विदेश से संचालित कर रहा था। वह सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. आदिल का बड़ा भाई है और पिछले पांच वर्षों से दुबई में रह रहा है।डॉ. मुजफ्फर को उत्तर प्रदेश में सक्रिय स्लीपर सेल का मुख्य संचालक माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, उसी के निर्देश पर डॉक्टरों का यह नेटवर्क सक्रिय हुआ था और कई राज्यों में अपनी जड़ें फैला रहा था।
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