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यूपी में खाद की कालाबजारी पर बड़ी कार्रवाई Photograph: (google)
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। खाद वितरण में अनियमितता और कालाबाजारी की शिकायतों पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी की शिकायतें मिलने पर जांच के बाद जिला कृषि अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक अन्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर और 580 फुटकर विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। यह जानकारी शुक्रवार प्रदेश के कृषि मंत्री कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी।
प्रदेश में 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया मौजूद
कृषि मंत्री ने प्रेसवार्ता में बताया कि इस साल खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में अब तक 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध हो चुकी है। 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और आपूर्ति की जा रही है। जिससे कुल उपलब्धता 37 लाख मीट्रिक टन तक रहेगी। पिछले वर्ष खरीफ में 32.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई थी। इस बार उससे अधिक स्टॉक मौजूद है।
जुलाई में 10 लाख मीट्रिक टन और यूरिया देगा केंद्र
कृषि मंत्री ने बताया कि जुलाई माह में केंद्र सरकार की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और भेजा जाएगा। जिससे सितंबर तक सभी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी, एसएसपी सहित सभी प्रमुख उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि जायद की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है और किसानों को आवश्यकता अनुसार बीज और उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। खरीफ सीजन में किसानों को खाद की कमी न हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं।
वितरण के बाद अवशेष उर्वरक
यूरिया : 15 लाख मीट्रिक टन
डीएपी : 2.90 लाख मीट्रिक टन
एनपीके : 2.91 लाख मीट्रिक टन
एमओपी : 0.77 लाख मीट्रिक टन
एसएसपी : 3.14 लाख मीट्रिक टन
खाद उत्पादक कंपनियों के साथ की गई बैठक
प्रदेश में कार्यरत 26 फर्टिलाइजर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई है। जिससे वितरण और आपूर्ति को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही या कमी न हो। कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि जरूरत के सापेक्ष खाद की कोई कमी नहीं है और सरकार हर स्तर पर सतर्क है। कृषि मंत्री ने बताया कि निजी कंपनियों के रैक पॉइंट से की जाने वाली यूरिया सप्लाई में से 25% वितरण पीसीएफ द्वारा किया जाएगा, जिससे वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सके।
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