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CM Yogi बोले, शिक्षकों पर राष्‍ट्र निर्माण की भी जिम्‍मेदारी

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कुछ स्कूलों में शिक्षक संख्या अधिक और छात्र कम हैं, वहीं कुछ स्कूलों में छात्र संख्या तो अधिक है, लेकिन शिक्षक कम हैं। ऐसे में समुचित संतुलन की आवश्यकता है।

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Abhishek Mishra
लखनऊ में सीएम योगी ने किया शिक्षा परियोजनाओं का शुभारंभ

लखनऊ में सीएम योगी ने किया शिक्षा परियोजनाओं का शुभारंभ

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश की राजधानी में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग की कई अहम योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यभर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य शैक्षिक परियोजनाओं को नई दिशा मिली। मुख्यमंत्री ने 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नवनिर्मित भवनों और अतिरिक्त डॉरमेट्री का लोकार्पण किया, साथ ही 43 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों और 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालयों की आधारशिला भी रखी।

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छात्रों को DBT के जरिए आर्थिक सहायता

सरकार ने छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूते-मोजे और स्टेशनरी की खरीद के लिए प्रति छात्र 1200 की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से अभिभावकों के खातों में भेजी। इस आयोजन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और शिक्षक-छात्र अनुपात को संतुलित किया जाए। उन्होंने कहा, "शिक्षक ही बच्चों का भविष्य संवारते हैं। यह सिर्फ नौकरी नहीं, राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी है।"

सुधार की राह आसान नहीं, लेकिन ज़रूरी

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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कुछ स्कूलों में शिक्षक संख्या अधिक और छात्र कम हैं, वहीं कुछ स्कूलों में छात्र संख्या तो अधिक है, लेकिन शिक्षक कम हैं। ऐसे में समुचित संतुलन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "सुधार के पहले चरण में कुछ विरोध होंगे, लेकिन जब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे, तब आलोचना करने वाले भी शांत हो जाएंगे।"

B.Ed और M.Ed छात्रों को भी मिले अनुभव

सीएम योगी ने सुझाव दिया कि बीएड और एमएड के विद्यार्थियों को ‘निपुण भारत’ के आकलन से जोड़ा जाए और उनके लिए एक सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया जाए। इससे वे शिक्षा व्यवस्था में हो रहे बदलावों को करीब से देख सकेंगे और व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी प्रत्येक जिले में दो-दो मॉडल कम्पोजिट स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर एक छत के नीचे प्री-प्राइमरी से कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई होगी। भविष्य में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ऐसे एक-एक विद्यालय की स्थापना की योजना है।

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