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Lucknow Encounter: डेढ़ लाख के इनामी बदमाश की मुठभेड़ में मौत, विदेशी रिवॉल्वर से पुलिस पर चलाईं गोलियां, साथी की तलाश जारी

लखनऊ के पारा इलाके में रविवार देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश गुरुसेवक मारा गया। वह कैब चालक योगेश पाल की हत्या के मामले में फरार था।

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Shishir Patel
Guru Sevak

गुरु सेवक की फाइल फोटो व मुठभेड़ स्थल से बरामद आरोपी की कार व रिवॉल्वर।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजधानी में रविवार रात हुई मुठभेड़ में मारा गया डेढ़ लाख का इनामी बदमाश गुरु सेवक न केवल पुलिस के लिए सिरदर्द था, बल्कि आपराधिक जगत का कुख्यात चेहरा भी था। हत्या, लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास जैसे आधा दर्जन से अधिक गंभीर अपराधों में वांछित यह बदमाश वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था। उसके पास से बरामद स्मिथ एंड वेसन कंपनी का .38 बोर का विदेशी रिवॉल्वर उसकी आपराधिक पहुंच और नेटवर्क का सबूत माना जा रहा है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह विदेशी हथियार आखिर उसके पास आया कहां से।

आत्मसमर्पण करने के बजाय शुरू कर दी ताबड़तोड़ फायरिंग 

डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के मुताबिक, शुक्रवार रात हुई मुठभेड़ में घायल बदमाश अजय सिंह के साथ गुरु सेवक भी मौजूद था, जो मौके से भाग निकला था। लेकिन रविवार रात करीब दस बजे पारा क्षेत्र में पुलिस ने जब उसे घेरा, तो उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। उसकी गोली पुलिस की गाड़ी और क्राइम ब्रांच प्रभारी शिवानंद मिश्र व दरोगा अनुज की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी। जवाबी कार्रवाई में गुरु सेवक गंभीर रूप से घायल हुआ और बाद में उसकी मौत हो गई।

घटना स्थल से एक विदेशी रिवॉल्वर व एक देसी पिस्टल बरामद 

घटनास्थल से पुलिस ने विदेशी रिवॉल्वर के अलावा एक देसी पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए हैं। वहीं मौके से फरार गुरु सेवक का साथी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश में क्राइम ब्रांच और पारा पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं।इससे पहले रविवार सुबह पुलिस ने हरदोई निवासी विकास नाम के एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया, जिस पर 25,000 का इनाम घोषित था। विकास इस समय जानकीपुरम के मिर्जापुर इलाके में छिपकर रह रहा था। उस पर हरदोई के मल्लावां थाने में गैंगस्टर और डकैती के मुकदमे दर्ज हैं, जबकि लखनऊ के अलीगंज थाने में चोरी का मामला लंबित है।डीसीपी के अनुसार, विकास का नाम शुक्रवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार अजय सिंह से पूछताछ में सामने आया था। जांच में खुलासा हुआ कि विकास ही वह शख्स था जिसने कैब चालक योगेश पाल से संपर्क कर उसकी हत्या की साजिश रची थी।

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पहले से योगेश को जानता था 

विकास, मूलतः पिहानी (हरदोई) का रहने वाला है और योगेश को पहले से जानता था। उसने 27 और 28 सितंबर को योगेश को फोन कर 29 सितंबर को सीतापुर जाने के लिए कहा था। उसी दिन शाम को वह योगेश से फिर संपर्क में आया और बुद्धेश्वर चौराहे पर मुलाकात तय की। वहां विकास के साथ अजय सिंह और गुरु सेवक भी पहुंचे। तीनों ने 3200 में सीतापुर जाने का किराया तय किया और योगेश की कार में बैठ गए। रास्ते में दुबग्गा के पास विकास उतर गया, जबकि अजय और गुरु सेवक सीतापुर की ओर रवाना हो गए।

सीतापुर के सरिया इलाके में मिला था योगेश का शव 

सीतापुर पहुंचने के बाद दोनों बदमाशों ने योगेश की हत्या कर उसकी कार और मोबाइल लूट लिए। 30 सितंबर की रात योगेश का शव सीतापुर के सरियापुर इलाके में मिला था। शव की पहचान बुद्धेश्वर, पारा निवासी योगेश कुमार पाल (29) के रूप में हुई। उसके चेहरे पर टेप लिपटा था और सिर पर गंभीर चोट के निशान थे।यह पहला अपराध नहीं था जांच में सामने आया कि छह अक्तूबर को गुरु सेवक और अजय ने शाहजहांपुर में एक और कैब चालक अवनीश दीक्षित की हत्या कर उसकी कार भी लूटी थी।

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दोस्त की पत्नी को लेने सीतापुर जा रहा हूं कहकर निकला था घर से 

मूल रूप से उन्नाव जनपद के बांगरमऊ थाना क्षेत्र के आसत मोहिउद्दीनपुर गांव निवासी योगेश अपने परिवार के साथ पारा के बादलखेड़ा में रहते थे। 29 सितंबर की शाम करीब छह बजे उन्होंने पत्नी वंदना से कहा कि वे दोस्त की पत्नी को लेने सीतापुर जा रहे हैं, लेकिन फिर कभी लौटे नहीं।पारा पुलिस ने उनकी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज की थी, जो बाद में हत्या और लूट की धारा में बदल दी गई। अब मुठभेड़ में गुरु सेवक की मौत और विकास की गिरफ्तारी के साथ पुलिस इस सनसनीखेज हत्या और लूट कांड के लगभग सभी तार जोड़ चुकी है।

फरार साथी की तलाश में जुटीं पुलिस 

पुलिस का मानना है कि गुरु सेवक और उसके साथियों का एक संगठित गिरोह है जो कैब चालकों को निशाना बनाकर हत्या और लूट की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। फिलहाल फरार साथी की गिरफ्तारी और विदेशी रिवॉल्वर की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एसटीएफ और क्राइम ब्रांच संयुक्त रूप से जांच में जुटी हैं।

कानपुर में 25 हजार का इनामी अपराधी करन मुठभेड़ में गिरफ्तार

 

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इनामी अपराधी करण मुठभेड़ में गिरफ्तार

 

Crime News: काकादेव क्षेत्र अंतर्गत रविवार देर रात पुलिस ने 25,000 के इनामी अपराधी करन उर्फ रूची को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। आरोपित के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। शातिर पर हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट समेत 12 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

नौ अक्टूबर को मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दिया था

पुलिस उपायुक्त सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि काकादेव के रानीगंज इलाके का निवासी करन उर्फ रूची बीती नौ अक्टूबर को मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना की पहचान ऑपरेशन त्रिनेत्र के कैमरों के माध्यम से की गई। इसके बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। तभी देर रात पुलिस को इनपुट मिला कि शातिर काकादेव में घूम रहा है। पुलिस उसकी लोकेशन पर पहुंची घेराबंदी करते हुए उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी।

आरोपित का आपराधिक नेटवर्क कई थानों में सक्रिय था

आरोपित के खिलाफ काकादेव, रावतपुर, नजीराबाद और कल्याणपुर थानों में कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वर्ष 2018 में उसने हत्या का अपराध (धारा 302) किया था, जबकि इसके बाद चोरी, लूट, धमकी, और गैंगस्टर एक्ट जैसे मामलों में लगातार शामिल रहा। आगे उन्होंने बताया कि आरोपित का आपराधिक नेटवर्क कई थानों में सक्रिय था और उसकी गिरफ्तारी से अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।

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