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AIDA की CBI जांच की मांग Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी पावर कारपोरेशन की ओर से ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन (एआईडीए) को कथित तौर पर करोड़ों रुपये चंदा देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संगठन ने सदस्यता के लिए सरकारी बिजली कंपनियों को बकायदा पत्र जारी किया है। इसमें एसोसिएशन से जुड़ने पर मुफ्त विदेश यात्रा सहित कई तरह के प्रलोभन दिए गए हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका कड़ा विरोध किया है।
निजीकरण की प्रक्रिया से एआईडीए का गठन
प्रदेश में निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ऑल इंडिया डिस्काम एसोसिएशन का गठन किया गया। सरकार के कई नौकरशाह, पूर्व अधिकारी और औद्योगिक घराने इससे जुड़े हैं। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल संगठन के महामंत्री और पूर्व आईएएस आलोक कुमार महानिदेशक हैं। परिषद का आरोप है कि यूपीपीसीएल के अध्यक्ष और केंद्रीय विद्युत सचिव रहे आलोक कुमार पर्दे से पीछे से पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की पैरवी कर रहे हैं।
सरकारी बिजली कंपनियों से मांग रहे चंदा
इतना ही नहीं आलोक कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर एआईडीए के लेटर पैड पर विद्युत वितरण निगमों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों को पत्र जारी कर चंदा मांग रहे हैं। एक अगस्त को जारी किए गए पत्र में यह दावा किया कि देश के 39 विद्युत वितरण निगम एआईडीए के सदस्य बन चुके हैं। सदस्यता लेने पर अंतरराष्ट्रीय दौरे पर भेजने और उसका पूरा खर्च उठाने समेत 10 तरह की सुविधाओं का लालच दिया जा रहा है।
डिस्कॉम एसोसिएशन की सीबीआई जांच की मांग
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सवाल उठाया कि यूपीपीसीएल ने करोड़ों रुपये सदस्यता शुल्क के रूप में निजी संगठन को कैसे दे दिए। भविष्य में इसकी भरपाई बिजली उपभोक्ताओं से की जाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार से एआईडीए की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
Electricity Privatisation | UPRVUP
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