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फाइल फोटो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।साइबर अपराधियों के हथकंडे दिन-प्रतिदिन और खतरनाक होते जा रहे हैं। आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज में एक बड़ा साइबर अटैक सामने आया, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी।
साइबर अपराधियों ने ग्रुप का नाम बदलकर SBI बैंक रख दिया
मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के कई मीडिया ग्रुप को निशाना बनाते हुए साइबर अपराधियों ने ग्रुप का नाम बदलकर “SBI बैंक” रख दिया। इसके बाद उसमें “आधार वेरिफिकेशन” के नाम से एक लिंक डाल दिया गया। इस लिंक पर क्लिक करते ही लोगों की निजी जानकारी और बैंक डिटेल चोरी होने की आशंका थी। हालांकि, सतर्क लोगों ने समय रहते इस फर्जी लिंक को पहचान लिया और तत्काल अन्य सदस्यों को भी सचेत कर दिया। फिलहाल किसी भी व्यक्ति के ठगी का शिकार होने की शिकायत सामने नहीं आई है।
साइबर सेल का अलर्ट और नया मोबाइल एप्लीकेशन
इस घटना के बाद प्रयागराज साइबर क्राइम सेल पुलिस ने लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया, ईमेल और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से अक्सर इस तरह के जाल बिछाते हैं, जिनसे बचना बेहद जरूरी है।लोगों की मोबाइल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने एक विशेष एप्लीकेशन “eScan CERT” (ई-स्कैन सर्ट) डाउनलोड करने की सलाह दी है। यह एप्लीकेशन मोबाइल को साइबर हमलों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकती है।
eScan CERT एप्लीकेशन का उपयोग इस प्रकार करें
सबसे पहले इसे केवल Google Play Store से ही डाउनलोड करें। किसी भी थर्ड पार्टी वेबसाइट से डाउनलोड न करें।
एप इंस्टॉल करने के बाद आवश्यक परमिशन दें।
एप खोलने पर Antivirus ऑप्शन पर क्लिक करें।
इसके बाद Scan पर टैप करें।
मोबाइल का पूरा स्कैन शुरू होगा और स्क्रीन पर प्रतिशत दिखाई देता रहेगा।
यदि कोई संदिग्ध एप, लिंक या फाइल मिलेगी तो तुरंत अलर्ट मिलेगा।
ऐसे फाइल या एप को तुरंत डिलीट करें।
जब स्कैन 100% पूर्ण हो जाएगा, तो आपका मोबाइल पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा।
बैंकिंग से जुड़ी जानकारी कभी भी किसी को साझा न करें
साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी कभी भी किसी को साझा न करें। अगर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 या निकटतम थाने से संपर्क करें।इस तरह की घटनाओं से साफ है कि सतर्कता और जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
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