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क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर किया 95 लाख का साइबर फ्रॉड, एसटीएफ ने महाराष्ट्र से गिरोह के दो सदस्य दबोचे

एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को मीरारोड, थाणे (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया। आरोपियों ने प्रो. डॉ. बीएन सिंह से 95 लाख रुपये ठग लिए थे।

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Shishir Patel
fake crime branch officer

साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार ।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।एसटीएफ उत्तर प्रदेश को पुलिस, नारकोटिक्स , क्राईमब्रांच अधिकारी बनकर, कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर, डिजिटल अरेस्ट कर साइबर फ्रॉड करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को थाना क्षेत्र मीरारोड थाणे महाराष्ट्र से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम मुहम्मद इकबाल बालासाहेब पुत्र इकवाल चिन्नू बालासाहेब निवासी बी विंग 605 इराइजा विल्डिंग नियर थाना मीरा रोड जिला थाणे महाराष्ट्र उम्र लगभग 47 वर्ष, शिक्षा बीकाम , शाइन इकबाल बालासाहेब पुत्र इकवाल चिन्नू बालासाहेब निवासी बी विंग 605 इराइजा विल्डिंग नियर थाना मीरा रोड जिला थाणे महाराष्ट्र उम्र लगभग 42 वर्ष, शिक्षा बीकाम है। इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, दो लैपटाप, सात पेनड्राइव, तीन हार्ड डिस्क, छह एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड, दो माऊस , एक लैपटाप चार्जर, 450 रुपये नकद बरामद किया है। 

छह अप्रैल को फोन कर बताया कि ब्लू डॉट करियर कंपनी से बोल रहा हूं 

साइबर काइम की रोकथाम व साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ यूपी की विभिन्न टीमों इकाईयों को आवश्यक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ यूपी के पर्यवेक्षण में एक टीम सक्रिय थी। अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि प्रो. डा. बीएन सिंह को 6 अप्रैल को दोपहर करीब 2 बजे व्हाट्सएप काल कर एक तथाकथित दीपक कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि वह ब्लू डाट कूरियर कम्पनी से बोल रहा है। तथा कहा गया कि आपके नाम से अवैध पार्सल पकड़ा गया है जिसके सम्बन्ध में कान्फ्रेंस कराकर उसने तथाकथित इस प्रकरण के जाँचकर्ता पुलिस अधिकारी के मोहनदास का उल्लेख कर उनसे बात करवायी। इसके पश्चात् एक अन्य मोबाइल नम्बर से व्हाट्सएप वीडियो काल कर तथाकथित जॉचकर्ता पुलिस अधिकारी, जो पुलिस वर्दी में था, द्वारा बताया गया कि डा० बीएन सिंह आपके आधार नम्बर का दुरूपयोग करके आनलाइन पार्सल भेजा जा रहा है जिसमें अवैध सामान है।

फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर 95 लाख की ठगी 

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जिसके सम्बन्ध में डा. बीएन सिंह से जांच में सहयोग करने को कहा गया तथा यह भी कहा गया कि जांच के दौरान आपको किसी से सम्पर्क नहीं करना है और न ही इसके बारे में किसी को बताना है। क्योंकि ऐसा करने पर न केवल जांच प्रभावित होगी बल्कि आपको एवं आपके परिवार को जान माल का गम्भीर नुकसान भी हो सकता है। यह तथाकथित पुलिस अधिकारी इस दौरान छह अप्रैल से आठ अप्रैल तक व्हाट्सएप पर वीडियो काल के जरिये डा. बीएन सिंह से बात करता रहा। उस पुलिस अधिकारी द्वारा डा. बीएन सिंह को रिजर्व बैंक आफ इंडिया का एक कूटरचित पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से भेजकर कहा गया कि जांच पूरी होने की अवधि तक के लिए आपको तत्काल 95 लाख उस कथित पुलिस अधिकारी द्वारा बताये गये बैंक खाते में ट्रान्सफर करना होगा, जिसे जांच के उपरान्त वापस कर दिया जाएगा। 8 अप्रैल को डा. बीएन सिंह द्वारा 95 लाख ट्रान्सफर कर दिया गया। उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में डा. बीएन सिंह द्वारा नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी गयी ।

एसटीएफ ने 24 जुलाई को महाराष्ट्र से साइबर ठगों को किया गिरफ्तार 

उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर विश्लेषण किया गया तो पता चला कि साइबर फ्रॉड करने में प्रयोग किये गये बैंक खाते में लगभग 1 करोड़ 40 लाख रूपयों का साइबर फ्रॉड किया गया है। वादी से साइबर फ्रॉड कर ठगे गये 95 लाख रूपयों को कुल 420 ट्रांजेक्शन के माध्यम से 11 लेयर तक के बैंक खातों मे ट्रांसफर किया गया है। उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विशेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए 24 जुलाई को एसटीएफ यूपी व थाना साइबर काइम लखनऊ की टीम द्वारा इराइजा सोसाइटी बी विंग के छठे तल के फ्लैट न0 605 के सामने कनकिया रोड निकट थाना मीरारोड, जनपद थाणे महाराष्ट्र से उपरोक्त दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

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आनलाइन इक्जाम के लिए कम्प्यूटर लैब उपलब्ध कराते थे

गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद इकबाल बालासाहेब में पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 1998 में मुम्बई युनिवर्सिटी से बीकाम किया, वर्ष 2000 में कुवैत गया जहा पर उसके माता पिता रहते थे। कुवैत में वह ट्रेडिंग कम्पनी में सेल्स मैन के पद पर नौकरी करता था। कुवैत से वह 2008 में भारत वापस आया। वर्ष 2009 में स्वीफ्ट आईटी रिसोर्स प्रा०लि० व इपोच आउट सोर्सिंग सर्विसेज प्रा०लि० कम्पनी बनायी जो 2012 में बंद हो गयी। वर्ष 2012 में अपने भाई शाइन, नदीम व मां नसरीन के साथ मिलकर मैक आउट सोर्सिंग सैल्युशप प्रा०लि० कम्पनी बनायी जिसमें आनलाइन इक्जाम के लिए कम्प्यूटर लैब उपलब्ध कराते थे। यह कम्पनी वर्ष 2019 में बंद हो गयी। वर्ष 2024 में उसके दोस्त फरीदशेख व आरिफ खान ने बताया कि कोई कम्पनी बनाओ जिसका पता फर्जी हो फिर उसके नाम पर कार्पोरेट बैंक खाता खोलो जिसमें हमलोग साइबर फ्रॉड का रूपया मंगायेंगे। साइबर फ्रॉड से आये रूपयों में से 10 प्रतिशत कमीशन फरीद ने देने को बोला। इसके बाद हम दोनो भाइयों ने माह नवम्बर 2024 में एमआईबी कम्प्युटर्स एलएलपी नाम से कम्पनी बनवायी जिसको एफ 201 सेकेंड फ्लोर एम बाले हाउस धरती काम्पलेक्श मीरारोड ईस्ट थाणे महाराष्ट्र के पते पर रजिस्टर्ड कराया।

इस तरह से साइबर ठगी करने का बनाया प्लान 

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जिसमें मेरे साथ मेरे भाई शाइन इकबाल बालासाहेब उपरोक्त डायरेक्टर हैं। इसके बाद मैने यश बैंक में माह फरवरी 2025 में कार्पोरेट बैंक खाते के लिए एप्लाइ किया पर पता वेरीफाई न होने के कारण यश बैंक में खाता नहीं खुल पाया क्योंकि उपरोक्त पते पर शक्तिलोक नाम से अस्पताल चल रहा है जो मेरी मां की ही प्रापर्टी है। इसके बाद मैने आरबीएल बैंक कांदेवाली में अपनी कम्पनी के नाम सेकार्पोरेट एकाउंट खुलवाया। बैंक से मुझे चेक बुक व इंटरनेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड मिल गया। मेरी कम्पनी के बैंक खाते में मैने बल्क ट्रांजेक्शन की सर्विस लिया। इसके बाद मैनें व मेरे भाई शाइन ने मेरे दोस्त फरीद शेख व आरिफ खान से मिलकर कर उनको कम्पनी के बैंक खाते से लिंक मोबाइल नम्बर का सिम कार्ड, लिंक ईमेल आईडी का पासवर्ड व इंटरनेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड उपलब्ध करा दिया। आरिफ व फरीद ने बताया कि इस बैंक खाते में हम लोग अपने गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से लोगों से साइबर फ्रॉड कर रूपया मंगायेंगे जिसमें से आपको हम 10 प्रतिशत कमीशन देंगें। 

आठ अप्रैल को कंपनी के खाते में डिजिटल अरेस्ट से एक करोड़ 40 लाख 

8 अप्रैल 2025 को मेरी कम्पनी के बैंक खाते में लगभग 1 करोड़ 40 लाख रूपये डिजिटल अरेस्ट व शेयर ट्रेडिंग साइबर फ्रॉड के माध्यम से आये। उपरोक्त रूपयों को गिरोह के सदस्यों ने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर, किप्टो व कैश में कनवर्ट कर लिया। हमारे गिरोह द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से साइबर फ्रॉड कर अवैध तरीके से धनार्जन किया गया है। गैंग के सदस्यों द्वारा एक दूसरे से सम्पर्क अधिकतर सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाता था। पुलिस को गुमराह करने के लिए मेरे द्वारा खुद ही साइबर काइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपना बैंक खाता व ईमेल आईडी हैक होने की रिपोर्ट लगभग 20 दिन बाद दर्ज करायी गयी थी।

कम्पनी साइबर फ्रॉड कर धन उगाही के लिए बनायी गयी थी

शाइन इकबाल बालासाहेब उपरोक्त द्वारा पूछतांछ में मोहम्बद इकबाल बालासाहेब उपरोक्त के बयान का समर्थन करते हुए बताया गया कि मैं भी बेरोजगार हो गया था अपने भाई के कहने पर रूपये कमाने के लालच में आकर अवैध तरीके से साइबर फ्रॉड कर धन वसूली के काम में संलिप्त हो गया। उपरोक्त कम्पनी साइबर फ्रॉड कर धन उगाही के लिए बनायी गयी थी। जिससे अलग अलग बैंकों में आसानी से कार्पोरेट खाते खोलकर उनमें डिजिटल अरेस्ट / शेयर ट्रेडिंग आदि साइबर फ्रॉड कर धन उगाही कर उसको बल्क ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुछ ही समय में सैकडों बैंक खातों में ट्रांसफर कर ठगी की जा सके।अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट की जानकारी/परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।

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