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निजीकरण के विरोध में 14 को बिजली कर्मचारी निकालेंगे तिरंगा यात्रा, प्रदेश भर में प्रदर्शन जारी

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब विकसित विकसित उत्तर प्रदेश के विजन की चर्चा हो रही है तो इन दोनों डिस्कॉम की गरीब जनता पर बिजली का निजीकरण थोपने का क्या औचित्य है?

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Deepak Yadav
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निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)

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  • संघर्ष समिति ने कहा कि विकसित उप्र के लिए पावर सेक्टर सार्वजनिक क्षेत्र में जरूरी

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि विधानसभा में यूपी के विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर 24 घंटे की ऐतिहासिक चर्चा जारी है। इसमें प्रदेश को देश का पहला जीरो पॉवर्टी स्टेट बनाने के लक्ष्य पर भी मंथन होगा। ऐसे में विकसित उप्र के लिए पावर सेक्टर को सार्वजनिक क्षेत्र में बने रहना जरूरी है। समिति ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल के 42 जिलों के गरीब उपभोक्ताओं पर निजीकरण थोपा जा रहा है। इससे बिजली व्यवस्था पटरी से उतर जाएगी। इस पर तत्काल विराम लगना चाहिए।

विकसित उप्र के लिए सस्ती बिजली जरूरी

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 42 जनपदों में प्रदेश की सबसे गरीब उपभोक्ता हैं। पूर्वांचल के बुंदेलखंड में पीने का पानी जमीन की सतह के बहुत नीचे हैं। जिसे ऊपर लाने के लिए बिजली की जरूरत होती है। जब विकसित विकसित उत्तर प्रदेश के विजन की चर्चा हो रही है तो इन दोनों डिस्कॉम की गरीब जनता पर बिजली का निजीकरण थोपने का क्या औचित्य है? विकसित उप्र के लिए सस्ती बिजली सबसे अधिक जरूरी है, जो सार्वजनिक क्षेत्र में ही सम्भव है। 

निजीकरण के पीछे बड़ा घोटाला

पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि निजीकरण के पीछे बड़ा घोटाला है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष और निदेशक वित्त निधि नारंग की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। अध्यक्ष आशीष गोयल ने नवंबर 2024 में लखनऊ में हुई एक मीटिंग में ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन बना लिया और उसके महामंत्री बन गए हैं। इस संगठन में देश के सभी बड़े कारपोरेट घराने शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बिजली का निजीकरण है। गोयल बीते आठ महीने से एसोसिएशन के महामंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। अब जब निदेशक वित्त का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव उप्र सरकार ने अस्वीकृत कर दिया है, तब विकसित यूपी विजन के लिए जरूरी है कि इन लोगों द्वारा तैयार किया गया निजीकरण का दस्तावेज तत्काल रद्द किया जाय।

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बिजली कर्मियों का प्रदर्शन जारी

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के विरोध में 15 अगस्त तक तिरंगा लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत 14 अगस्त को बिजली कर्मी तिरंगा रैली निकालेंगे। लखनऊ में शाम चार बजे हाइडिल फील्ड हॉस्टल पर सभा होगी। बिजली कर्मी अपने-अपने कार्यालय से तिरंगा यात्रा लेकर फील्ड हॉस्टल पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि आज लगातार 259वें दिन प्रदेश भर में बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में सभा और प्रदर्शन जारी रखा।

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 Electricity Privatisation | VKSSUP

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