लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार देश के अन्य राज्यों की तरह अपने उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी देती है। देश के टॉप पांच राज्यों में यूपी का सब्सिडी के मामले में पांचवा स्थान है। ऐसे में पावर कारपोरेशन का यूपी में सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा सब्सिडी दिए जाने का दावा खोखला साबित होता नजर आता है।
2023-24 में 2.10 लाख करोड़ की सब्सिडी
प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली कंपनियों को सब्सिडी देती है। इससे घरेलू उपभोक्ताओं के साथ किसानों और ग्रामीण उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है। पावर कारपोरेशन दावा करता है कि सरकार की तरफ से दी जा रही सब्सिडी बहुत ज्यादा है। इसमें टैरिफ के साथ लास सब्सिडी भी शामिल है। इस वजह से अब बिजली कंपनियों का घाटा वहन करना मुश्किल है। वर्ष 2023-24 में देश में राजकीय सब्सिडी टैरिफ के अंतर्गत लगभग दो लाख 10784 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है।
निजीकरण का फैसला वापस
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (Avadhesh Kumar Verma) ने कहा कि देश के चार राज्य यूपी से कहीं ज्यादा अपने उपभोक्ताओं को सब्सिडी देते हैं। ऐसे में अब प्रदेश सरकार को तत्काल बिजली के निजीकरण का फैसला वापस लेना चाहिए। ऐसे नहीं करने पर 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी पर इसका असर पड़ेगा।
राज्य डिस्कॉम सब्सिडी वर्ष 2023-24
(करोड़ में)
राजस्थान 27794
कर्नाटक 27719
मध्य प्रदेश 23635
पंजाब 17631
उत्तर प्रदेश 16479
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