लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने यूपी में बिजली दरों में 45 प्रतिशत प्रस्तावित बढ़ोत्तरी के पीछे देश के बड़े निजी घरानों का हाथ होने का दावा किया है। परिषद ने कहा कि प्रदश में पांच बिजली वितरण कंपनियां में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में सबसे ज्यादा घरेलू उपभोक्ता हैं। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ने पर सबसे ज्यादा राजस्व इन दोनों डिस्काम को मिलेगा। जिससे इनके निजीकरण के बाद उद्योगपतियों को फायदा होगा।
घरेलू उपभोक्ताओं पर 41% ज्यादा बोझ
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान बिजली दरों से करीब 85497 करोड़ रुपये राजस्व मिलता है। जो प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद 109520 करोड़ रुपये हो जाएगा। यानी लगभग 29 प्रतिशत राजस्व में वृद्धि होगी। इसमें घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से मिलने वाला राजस्व कीरब 37407 करोड़ रुपये है। जो बढ़कर 52873 करोड़ रुपये हो जाएगा। यानी घरेलू उपभोक्ताओं पर 41 प्रतिशत अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
डिस्कॉम वर्तमान राजस्व घरेलू प्रस्तावित राजस्व घरेलू राजस्व वृद्धि
पूर्वांचल 9925 करोड़ 14279 करोड़ 44
दक्षिणांचल 5907 करोड़ 8383 करोड़ 42
मध्यांचल 9035करोड़ 12668 करोड़ 40
पश्चिमांचल 11063 करोड़ 15509 करोड़ 40
केस्को 1476 करोड़ 2034 करोड़ 37
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