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आयोग कार्यालय पर प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को नियामक आयोग कार्यलय पर प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अगुवाई में जुटे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि निजी घरानों के दबाव में निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट पर नियामक आयोग से अभिमत लेने की तैयारी है। उधर, बिजली कर्मियों के बड़े पैमाने पर ट्रांसफर और लेनदेन का ऑडियो वायरल होने के विरोध में वाराणसी में कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
आयोग कभी भी दे सकता है अभिमत
समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट पर विद्युत नियामक आयोग पर तत्काल अभिमत देने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबन्धन दबाव बना रहा है। ऐसे में आयोग किसी भी समय अपना अभिमत पावर कारपोरेशन को दे सकता है। इसके विरोध में सैकड़ों कर्मचारियों ने आयोग के कार्यालय के मेट गेट पर मौन प्रदर्शन किया।
दबाव के चलते निदेशक ने दिया त्याग पत्र
समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कारपोरेशन पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली वितरण निगम के निजीकरण के लिए इतना उतावला हो गया है कि यूपीपीसीएल अध्यक्ष, निदेशक वित्त निधि नारंग के साथ मिलकर अधिकारियों पर गलत संस्तुति पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डलवा रहा है। ये भी पता चला है कि इसी दबाव के चलते पावर कारपोरेशन के निदेशक निधि सचिन गोयल ने त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने कहा कि 22 जून को लखनऊ में होने वाली महापंचायत में निजीकरण से उपभोक्ताओं को और किसानों को होने वाले नुकसान की तो चर्चा होगी। साथ ही निजीकरण के पीछे होने वाले मेगा घोटाले का भी पर्दाफाश किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री और एमडी की बातचीत वायरल
दुबे ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक और ऊर्जा मंत्री की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के साथ ही ट्रांसफर आदेशों में लेनदेन की बात भी सामने आ गई है। ट्रांसफर घोटाले के विरोध में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया। बिजली कर्मचारियों के गुस्से से घबराए हुए प्रबंध निदेशक ने मुख्य द्वार पर ताला लगवा दिया। सैकड़ों बिजली कर्मी मुख्य द्वार पर ही बैठ गए हैं।
निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी
निजीकरण और ट्रांसफर आदेशों के विरोध में वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।