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बिजली निजीकरण के खिलाफ पावर ऑफिसर एसोसिएशन की बैठक में शामिल पदाधिकारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली निजीकरण के खिलाफ पावर ऑफिसर एसोसिएशन जल्द ही आर-पार की लड़ाई का एलान करेगा। जुलाई में प्रस्तावित 'निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन' में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। एसोसिएशन का आरोप है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण आरक्षण समाप्त कर 16 हजार पदों को खत्म करने की साजिश है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान दलित व पिछड़ा वर्ग होगा। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों और ऊर्जा मंत्री से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन सभी आरक्षण के मामले में चुप्पी साधे हैं। इससे साफ है कि सरकार को संविधानिक व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में अब आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
निजीकरण से आरक्षण खत्म करने की साजिश
एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा और महासचिव अनिल कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि 'बिजली कंपनियों में निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन' का आयोजन जुलाई माह में किया जाएगा। इसकी तिथि प्रत्येक कंपनी के लिए स्थान के चयन के बाद घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि संगठन के पदाधिकारियों ने कई बार राज्य सरकार के मंत्रियों से यह आग्रह किया गया कि बिजली कंपनियों के निजीकरण से आरक्षण की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इससे साफ हो है कि प्रदेश के 42 जनपदों में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है। जिसे दलित और पिछड़े वर्ग के कर्मचारी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे।
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