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निजीकरण के विरोध में प्रदेश भर में बिजली कर्मियों का प्रदर्शन, लखनऊ में चार घंटे घेरे रखा ऊर्जा मंत्री का आवास

बिजली कर्मचारी दोपहर करीब 12 बजे ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा के कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से मिलने से मना कर दिया।

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Deepak Yadav
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लखनऊ में ऊर्जा मंत्री के निवास पर गुस्साये बिजली कर्मियों ने चार घण्टे तक प्रदर्शन Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने मंगलवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। इसी क्रम में कर्मचारियों ने लखनऊ में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के सरकारी आवास का घेराव कर विरोध जताया। साथ ही कर्मियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाईयों की निंदा की। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीयिनर्स संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शकारी करीब चार घंटे तक ऊर्जा मंत्री के आवास के बाहर डटे रहे। 

ऊर्जा मंत्री कर्मचारियों से मिलने से किया इनकार 

बिजली कर्मचारी दोपहर करीब 12 बजे ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा के कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से मिलने से मना कर दिया। जिससे बिजली कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने उत्पीड़न बंद करो और निजीकरण निरस्त करने और ऊर्जा मंत्री इस्तीफा दो के नारे लगाने शुरू कर दिये। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के समझाने पर भी कर्मचारी नहीं मानें और शाम चार बजे तक विरोध जारी रखा। 

समझौते से पीछे हटे ऊर्जा मंत्री

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बिजली कर्मियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने तीन दिसम्बर 2022 और 19 मार्च 2023 को संघर्ष समिति के संयोजक सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों के साथ लिखित समझौता किया था। अब वह समझौते से मुकर गये हैं। समझौते के अनुसार, मार्च 2023 की हड़ताल के दौरान बिजली कर्मियों पर की गई कार्रवाई अभी तक वापस नहीं ली गयी है। इसके विपरीत निजीकरण के लिए लगातार उत्पीड़न की कार्यवाहियां की जा रही हैं जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।

स्थानांतरण और एफआईआर रद्द करने की मांग

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने मांग की कि समझौते का पालन करते हुए​ बिजली कर्मियों के खिलाफ की गई सभी कार्रवाईयों को तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने संविदा कर्मचारियों की ​बहाली, स्थानांतरण निरस्त करने, आय से अधिक सम्पत्ति को लेकर विजिलेंस की ओर से दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की। इसके साथ ही, फेसियल अटेंडेंस के कारण रोका गया वेतन जारी करने, स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक और पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त करने की भी मांग उठाई।

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इन जिलों में प्रदर्शन

बिजली के निजीकरण और कर्मचारियों के उत्पीड़न के विरोध में आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में प्रदर्शन किया गया।

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