लखनऊ, वाइबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी के मुखिया और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बीते कुछ दिनों से योगी सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा नौकरियों की पोस्ट को डिलीट करने को लेकर अखिलेश यादव एक बार फिर हमलावर हैं। सपा मुखिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुददे के जरिए ही आगामी विधानसभा चुनाव में जीत का मंत्र भी समझाया है।
सपा मुखिया ने एक्स पर लिखा, 1,93,000 शिक्षक भर्तियों के जुमलाई विज्ञापन से जन्मा : 2027 के चुनाव में ‘भाजपा की हार का राजनीतिक गणित’। मान लिया जाए कि 1 पद के लिए कम-से-कम 75 अभ्यर्थी होते, तो यह संख्या होती = 1,44,75,000 और एक अभ्यर्थी के साथ यदि केवल उनके अभिभावक जोड़ लिए जाएं तो कुल मिलाकर 3 लोग इससे प्रभावित होंगे अर्थात ये संख्या बैठेगी 4,34,25,000। ये सभी व्यस्क होंगे अतः इन्हें 4,34,25,000 मतदाता मानकर अगर उप्र की 403 विधानसभा सीटों से विभाजित कर दें तो ये आंकड़ा लगभग 1,08,000 वोट प्रति सीट का आएगा।
भाजपा को नुकसान होना तय
सपा मुखिया के अनुसार अगर इनका आधा भी भाजपा का मतदाता मान लिया जाए (चूंकि भाजपा 50% मतदाता की जुमलाई बात करती आई है) तो लगभग 1,08,000 का आधा मतलब हर सीट पर 54,000 मतों का नुक़सान भाजपा को होना निश्चित है। ऐसे में भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों में दहाई सीटों पर ही सिमट जाएगी। सपा मुखिया का कहना है कि पुलिस भर्ती मामले में ‘भर्तियों का ये गणित’भाजपा को उप्र में लगभग आधी सीटों पर हारने में सफल भी रहा है, अत: ऐसे आंकड़ों को अब गंभीरता से लिया जाने लगा है।
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अखिलेश यादव के अनुसार जैसे ही ये आंकड़ा प्रकाशित होगा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपाई प्रत्याशियों के बीच जाएगा वैसे ही उनका राजनीतिक गुणा-गणित टूट कर बिखर जाएगा और विधायक बनने का उनका सपना भी। इससे भाजपा में एक तरह से भगदड़ मच जाएगी। ऐसे में भाजपा को मतदाता ही नहीं बल्कि प्रत्याशियों के भी लाले पड़ जाएंगे।
जनता ने भाजपा के विरुद्ध बनाया मन
सपा प्रमुख ने कुछ अन्य प्रमुख कारण भी अपनी एक्स पोस्ट में लिखे हैं, जिनके अनुसार जनता भाजपा को 2027 के चुनाव में बुरी तरह से हराने और हटाने के लिए पूरी तरह कमर कस के तैयार है। अखिलेश यादव ने इन मुददों में मुख्य रूप से किसानों-मजदूरों की बेकारी, बेरोजगारी, पढ़ाई, पेट्रोल-डीजल और हर चीज की महंगाई, महिलाओं का अपमान और असुरक्षा, हर काम में भ्रष्टाचार, पीडीए का उत्पीड़न और उन पर अत्याचार, भाजपा में डबल इंजन की टकराहट और भाजपा राज में ‘सत्ता सजातीय’पक्षपात आदि को गिनाया है। सपा मुखिया के अनुसार ऐसे न जाने कितने मुद्दे हैं, जो भाजपा के विरुद्ध जनता में आक्रोश का उबाल ला चुके हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि 90% पीड़ित जनता जाग चुकी है और ‘अपनी पीडीए सरकार’बनाने के लिए कटिबद्ध भी है और प्रतिबद्ध भी।
अपनी पोस्ट के आखिर में अखिलेश ने लिखा, अब सब पीड़ित मिलकर देंगे जवाब, 27 में बनाएंगे अपनी PDA सरकार।
पीडीए ही भविष्य है!
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